प्रियंका गांधी से अभी भी संपर्क में हैं पायलट, गहलोत गुट ने तोड़ा नाता; BJP मौका भुनाने में जुटी

कांग्रेस से नाराज चल रहे सचिन पायलट ने तमाम पदों से हटाए जाने के बाद भी पार्टी के हाईकमान से संपर्क नहीं तोड़ा है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के अभी बी संपक में हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 20, 2020 4:23 AM IST

नई दिल्ली. कांग्रेस से नाराज चल रहे सचिन पायलट ने तमाम पदों से हटाए जाने के बाद भी पार्टी के हाईकमान से संपर्क नहीं तोड़ा है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के अभी बी संपक में हैं। उधर, भाजपा का मानना है कि कांग्रेस की आपसी खटास उस स्तर तक पहुंच गई है, जहां से सुलह का कोई रास्ता नजर नहीं आता। 

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, कांग्रेस सूत्रों ने बताया, पायलट ने वीकेंड पर प्रियंका गांधी से फोन पर बात की। हालांकि,  दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसका पता नहीं चला पाया है। बताया जा रहा है कि प्रियंका समेत कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पायलट से मिलने के लिए सहमति जता चुका है।

हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी आगे की रणनीति
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों को दल बदल कानून के तहत नोटिस भेजा गया था। इसमें पूछा गया है कि क्यों इन विधायकों की सदस्यता रद्द ना की जाए? इस नोटिस के खिलाफ बागी विधायकों ने राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया है। 

सचिन पायलट ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि वे नई पार्टी बनाएंगे या कांग्रेस में वापस लौटेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि हाईकोर्ट के आज के फैसले के बाद राजस्थान में आगे की सियासी जंग तय होगी। वहीं, गहलोत भी हाईकोर्ट के फैसले को देखते हुए आगे की रणनीति तैयार करेंगे। 

भाजपा मौका भुनाने में जुटी
भाजपा का मानना ​​है कि दोनों गुटों में सुलह संभव नहीं है। हालांकि, पायलट भाजपा में शामिल होने से पहले ही इनकार कर चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद भाजपा पीछे के रास्ते से पायलट का समर्थन कर रही है। 

भाजपा का क्या है गणित?
रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के एक सूत्र ने कहा, पायलट खेमे में 2 निर्दलीय समेत 21 विधायक हैं। ऐसे में ये 21 बागी विधायक, भाजपा के 72 और 3 आरएलपी विधायकों के साथ मिलकर 200 सीटों वाली विधानसभा में 96 तक पहुंच जाएंगे। 

राजस्थान में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'इस स्थिति में, अवसर का इस्तेमाल ना करना बुद्धिमानी नहीं है। वहीं, भाजपा के कुछ नेता गहलोत खेमे के कुछ विधायकों को अपने पक्ष में लाने के लिए जुटे हैं।

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