विवाद के बाद पहली बार पायलट ने की मुलाकात, गहलोत ने कहा, जो हुआ उसे भूल जाओ, अपने तो अपने होते हैं

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच करीब एक महीने तक तकरार चली। राहुल और प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद पहली बार दोनों के बीच अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात हुई। सचिन पायलट खुद गहलोत के घर पर पहुंचे। इस मुलाकात के बाद विधायक दल की बैठक हुई।

Asianet News Hindi | Published : Aug 13, 2020 4:21 AM IST / Updated: Aug 13 2020, 08:28 PM IST

जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच करीब एक महीने तक तकरार चली। राहुल और प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद पहली बार दोनों के बीच अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात हुई। सचिन पायलट खुद गहलोत के घर पर पहुंचे। इस मुलाकात के बाद विधायक दल की बैठक हुई। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने विधायक दल की बैठक के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है।  

- बैठक में राजस्थान के सीएम गहलोत भावुक भी हुए, विधायकों की नाराजगी पर कहा कि जो हुआ भुला दो। अपने तो अपने होते हैं। इन 19 विधायकों के बिना बहुमत साबित कर देते, पर खुशी नहीं मिलती।

Image

 

गरमा-गर्मी के बीच सीएम अशोक गहलोत ने कही ये बात 

वहीं, पार्टी में चल रहे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगातार दूसरे दिन कहा कि 'पार्टी में पिछले महीने जो भी गलतफहमी हुई, उसे हमें देश, राज्य और लोकतंत्र के हित में भूलने और माफ करने की जरूरत है। इस सोच के साथ हमें आगे बढ़ना होगा।' इसके साथ ही बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने ये अर्जियां लगाई थी। इस मामले में हाइकोर्ट में खुद बसपा ने भी पिटीशन फाइल की थी। इसके साथ ही सचिन पायलट की कांग्रेस से सुलह के 3 दिन बाद आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम पायलट का आमना-सामना हो सकता है। जयपुर में आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक विधानसभा या मुख्यमंत्री के घर हो सकती है। मीटिंग में दोनों खेमों के विधायक मौजूद रहेंगे।  

14 अगस्त से विधानसभा सत्र

गहलोत खेमे के विधायक बुधवार को जैसलमेर से जयपुर लौट आए हैं। उन्हें फिर से उसी होटल फेयरमोंट में ठहराया गया है, जहां से वो 31 जुलाई को जैसलमेर गए थे। गहलोत ने इस पूरे सियासी घटनाक्रम पर कहा- ‘फॉरगेट एंड फॉरगिव, भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो। यही प्रदेशवासियों और लोकतंत्र के हित में है।' 14 अगस्त से विधानसभा सत्र शुरू होगा।

विधायकों को कांग्रेस में शामिल होने के लिए विधानसभा स्पीकर ने दी थी मंजूरी 

बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के लिए विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने 18 सितंबर, 2019 को मंजूरी दी थी। दिलावर की अपील है कि स्पीकर के उस आदेश पर रोक लगाई जाए और सभी 6 विधायकों को फ्लोर टेस्ट में किसी भी पार्टी के पक्ष में वोटिंग से रोका जाए।

बसपा की मांग की ये मांग

बसपा ने भी उसके बागी विधायकों के फ्लोर टेस्ट में शामिल होने पर पाबंदी लगाने और विधानसभा के किसी भी सत्र में हिस्सा लेने से रोकने की अपील की है। इस मामले में दिलावर की ओर से हरीश साल्वे, सत्यपाल जैन, आशीष शर्मा और बसपा की ओर से सतीश चन्द्र मिश्रा पैरवी कर रहे हैं।

Share this article
click me!