राजस्थान में सियासी उठापटक, 9 दिन बाद वसुंधरा राजे ने तोड़ी चुप्पी, बोलीं-अपनी पार्टी संग खड़ी हूं

राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से सचिन पायलट को लेकर सियासी उठापटक बरकरार है। इस पूरे घटनाक्रम में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने पहली बार बयान जारी किया है। उन्होंने ट्वीटकर कहा कि वो अपनी पार्टी के साथ खड़ी हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 19, 2020 3:03 AM IST

नई दिल्ली. राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से सचिन पायलट को लेकर सियासी उठापटक बरकरार है। इस पूरे घटनाक्रम में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने पहली बार बयान जारी किया है। उन्होंने ट्वीटकर कहा कि वो अपनी पार्टी के साथ खड़ी हैं। इसके साथ ही वसुंधरा ने ट्वीट में लिखा, 'कांग्रेस की आंतरिक कलह का नुकसान प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।' इससे पहले उन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ देने का आरोप लगा। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने राजस्थान के मुख्य सचिव से फोन टैपिंग वाले मामले पर रिपोर्ट मांगी है।

हनुमान बेनीवाल ने कही थी ये बात 

इससे पहले, रालोपा के नेता हनुमान बेनीवाल ने गुरुवार को वसुंधरा राजे को लेकर कहा था कि वो (वसुंधरा) गहलोत सरकार को बचा रही हैं। पायलट खेमे ने भी उन पर ऐसे ही आरोप लगाए थे। उधर, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बीटीपी विधायक राजकुमार राउत और राम प्रसाद डिंडोर ने गहलोत सरकार को समर्थन दे दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात की। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि विधानसभा का संक्षिप्त सत्र बुलाया जा सकता है।

 

8 पुलिस अधिकारियों को दी जिम्मेदारी

हॉर्स ट्रेडिंग मामले की जांच को लेकर एसआईटी (SIT) गठित की गई है। सीआईडी सीबी और एटीएस और एसओजी संयुक्त रूप से मामले की जांच करेगी। एसआईटी में 8 पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। सीआईडी सीबी के एसपी विकास शर्मा के नेतृत्व में जांच की जाएगी। एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने आदेश जारी किए हैं। मामले की जांच के बाद दोषियों को गिरफ्तार किया जाए।

बीजेपी ने कांग्रेस के प्रवक्ता समेत 4 लोगों पर दर्ज कराई FIR

राजस्थान भाजपा ने कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत 4 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई है। इसके साथ ही फोन टैपिंग मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें टैपिंग के मामले को लेकर सवाल उठाया गया है कि क्या आधिकारिक रूप से फोन टैपिंग हुई? क्या सरकार ने खुद को बचाने के लिए गैर संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया? इसकी जांच सीबीआई से कराई जाना चाहिए। ऑडियो टेप गुरुवार रात सामने आए थे। कांग्रेस का आरोप है कि इसमें सरकार गिराने को लेकर बातचीत की गई थी। 

भाजपा के गहलोत सरकार से किए 6 सवाल

1. क्या आधिकारिक रूप से फोन टैपिंग की गई?

2. फोन टैपिंग की गई है तो क्या यह संवेदनशील इश्यू नहीं हैं?

3. अगर फोन टैपिंग हुई तो क्या इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (एसओपी) का पालन किया गया?

4. क्या गहलोत सरकार ने खुद को बचाने के लिए यह ऑडियो टेप का प्रौपेगेंडा खड़ा नहीं किया?

5. क्या राजस्थान में किसी भी व्यक्ति का फोन टेप किया जा रहा है?  

6. क्या अप्रत्यक्ष रूप से राजस्थान में इमरजेंसी नहीं लगी है? 

आयकर विभाग ने गहलोत के करीबियों से जब्त की इतनी रकम

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सीएम गहलोत के करीबियों के यहां छापेमारी में आयकर विभाग को 12 करोड़ रुपए नकद,1 करोड़ 70 लाख के जेवरात एवं कुछ संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। विभाग ने गहलोत के करीबियों में शामिल राज्य पर्यटन विकास निगम के पूर्व चेयरमैन एवं पीसीसी उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा, बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष एवं गहलोत के राजनीतिक कामकाज संभालने वाले धर्मेंद्र राठौड़, सीएम के बेटे वैभव गहलोत के पार्टनर रतनकांत शर्मा के 45 ठिकानों पर 13 से 16 जुलाई के बीच छापेमारी की थी।

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