लद्दाख में हिंसक झड़प: सांसद राजीव चंद्रशेखर बोले- अब चीन आधिकारिक तौर पर भारत और भारतीयों का दुश्मन

भारत और चीन के बीच सोमवार रात वास्तिवक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारत के 1 कर्नल समेत 3 जवान शहीद हो गए। वहीं, इस झड़प में 3-5 चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की खबर है। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 16, 2020 11:22 AM IST / Updated: Jun 29 2020, 08:19 PM IST

बेंगलुरु.  भारत और चीन के बीच सोमवार रात वास्तिवक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारत के 1 कर्नल समेत 3 जवान शहीद हो गए। चीन की हरकत को लेकर देश भर का गुस्सा निकल रहा है। हिसंक झड़प को लेकर भाजपा से राज्यसभा सासंद राजीव चंद्रशेखर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, अब आधिकारिक तौर पर चीन भारत और भारतीयों का दुश्मन बन गया है।

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राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, चीन ने बड़ी गलती कर दी। तीन वीर सैनिकों की मौत के बाद चीन आधिकारिक तौर पर भारत और भारतीय लोगों का दुश्मन बन गया है। 

 


सभी भारतीय धैर्य रखें और एकजुट रहें- भाजपा सांसद
भाजपा सांसद ने जनता से अपील की सभी नागरिक धैर्य रखें और एकजुट रहें। जल्द ही चीन को आर्थिक और सैन्य रूप से हार जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा, इस मुद्दे पर चीन के खिलाफ हमारी एकता को कमजोर करने के लिए राजनीति या किसी भी तरह की बात न करें।

भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब
भारत ने चीन की हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस झड़प में चीन के 3-5 सैनिक मारे गए हैं। वहीं, 11 सैनिक जख्मी बताए जा रहे हैं। 

चीन ने उल्टा भारत पर लगाए आरोप
चीन ने आरोप लगाया है कि भारतीय सैनिकों ने सीमापार कर चीनी सैनिकों पर हमला किया था। चीनी मीडिया ने विदेश मंत्री के हवाले से कहा, भारतीय सैनिकों ने सोमवार को अवैध रूप से दो बार सीमा पार कर चीनी सैनिकों पर हमला किया। भारत ने दोनों पक्षों की सहमति का उल्लंघन किया। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हुई।

चीनी विदेश मंत्री के मुताबिक, चीन और भारतीय पक्ष ने सीमा पर बनी स्थिति को हल करने और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए बातचीत के माध्यम से द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने पर सहमति जताई है।

1975 के बाद पहली बार ऐसी घटना हुई
1975 के बाद पहली बार वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जानमाल का नुकसान हुआ है। इससे पहले 1975 में एलएसी पर अरुणाचल प्रदेश में गोली चली थी। इस दौरान 4 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसके बाद कभी दोनों देशों के बीच फायरिंग नहीं हुई।

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