जेल से बाहर आते ही नलिनी श्रीहरन ने कही बड़ी बात...जानिए किसको-किसको दिया धन्यवाद

21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरमबुदुर में चुनावी अभियान के दौरान LTTE की आत्मघाती महिला हमलावर धनु ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। ट्रायल कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या की साजिश में शामिल 26 दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, मई 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने 19 आरोपियों को बरी कर दिया था। 

Nalini Sriharan first comment after release: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के छह दोषियों की रिहाई सुप्रीम कोर्ट से होने के बाद शनिवार को नलिनी श्रीहरन जेल से बाहर आईं। करीब 31 साल बाद जेल से बाहर आई नलिनी श्रीहरन ने कहा कि यह उनके लिए नया जीवन है। वह यहां निकली हैं तो परिवार में समय देंगी। वह सार्वजनिक जीवन में शामिल नहीं होंगी। नलिनी ने कहा कि मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देती हूं जिन्होंने मेरी रिहाई का समर्थन किया। 

यह नया जीवन मेरे पति और बेटी के लिए...

Latest Videos

जेल से बाहर निकलने के बाद नलिनी श्रीहरन ने कहा कि यह मेरे पति और बेटी के साथ एक नया जीवन है। मैं सार्वजनिक जीवन में शामिल नहीं होने जा रही हूं। मैं 30 वर्षों से अधिक समय तक मेरा समर्थन करने के लिए तमिलों को धन्यवाद देती हूं। मैं राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को धन्यवाद देती हूं। उन्होंने बताया कि जेल निकलने के बाद अपनी बेटी से बात की हूं। अब जीवन का पूरा समय परिवार संग बिताउंगी।

इन लोगों के रिहाई का है आदेश...

राजीव गांधी की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहे नलिनी श्रीहरण, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार और रॉबर्ट पॉयस को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। इससे पहले मई में सुप्रीम कोर्ट पेरारिवलन को पहले ही रिहा कर चुकी है। जिस समय नलिनी को पकड़ा गया था, तब वो दो महीने की गर्भवती थी। यह जानकर सोनिया गांधी ने नलिनी को माफ कर दिया था। 

26 दोषियों को मौत की सजा

21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरमबुदुर में चुनावी अभियान के दौरान LTTE (Liberation Tigers of Tamil Eelam ) की आत्मघाती महिला हमलावर धनु ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। ट्रायल कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या की साजिश में शामिल 26 दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, मई 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने 19 आरोपियों को बरी कर दिया था। जबकि 4 आरोपियों (नलिनी, मुरुगन उर्फ श्रीहरन, संथन और पेरारिवलन) की मौत की सजा बरकरार रखी थी। जबकि रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार की मौत की सजा उम्रकैद में बदल दी थी। इन की दया याचिका पर तमिलनाडु के राज्यपाल ने नलिनी की मृत्युदंड को उम्रकैद में बदला था। लेकिन बाकी आरोपियों की दया याचिका 2011 में राष्ट्रपति ने ठुकरा दी थी।

यह भी पढ़ें:

राजीव गांधी की हत्या में आरोपी नलिनी जेल से आई बाहर, सोनिया गांधी ने वर्षों पहले इस वजह से किया था माफ

देश में कानूनी पेशा सामंती और पितृसत्तात्मक...सीजेआई बोले-महिलाओं की भागीदारी हो सुनिश्चित

बाबा रामदेव की कंपनी की इन 5 दवाओं पर लगी रोक, तत्काल प्रोडक्शन रोकने का आदेश

Share this article
click me!

Latest Videos

संभल हिंसा पर कांग्रेस ने योगी और मोदी सरकार पर साधा निशाना
'बसपा अब नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव'BSP Chief Mayawati ने खुद बताई बड़े ऐलान की वजह
कांग्रेस के कार्यक्रम में राहुल गांधी का माइक बंद ऑन हुआ तो बोले- मुझे बोलने से कोई नहीं रोक सकता
तेलंगाना सरकार ने क्यों ठुकराया अडानी का 100 करोड़ का दान? जानें वजह
Kharmas 2024: दिसंबर में कब से लग रहे हैं खरमास ? बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य