कैंसर की क्षेत्र में RG CIRC ने हासिल किया मील का पत्थर, SSI तकनीक से की सर्जरी

Published : Aug 01, 2024, 01:19 PM IST
Rajiv Gandhi Cancer Institute

सार

भारत ने कैंसर बीमारी के इलाज के क्षेत्र में नया मील का पत्थर हासिल कर लिया है। हाल ही में राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में SSI मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम के मदद से सर्जरी की गई।

राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर। राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (RGCIRC) ने SSI मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम के मदद से टेलीसर्जरी के क्लीनिकल ट्रायल को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। चिकित्सा जगत के लिए नया रास्ता बनाने वाले ट्रायल में छह सर्जिकल प्रक्रियाएं की गईं। इसमें यूरिनरी ब्लाडर कार्सिनोमा के मरीज पर पहली सर्जरी और उसके बाद नेफ्रेक्टोमी, हिस्टरेक्टमी और सिस्टेक्टमी की गईं। इस ये पता चला कि ये एक सुरक्षित और असरदार मेडिकल प्रैक्टिस है। ट्रायल की सफलता से जनता के लिए टेलीसर्जरी की सुविधा के रास्ते खुलेंगे, जोकि भारत में अभी तक बड़े स्तर पर उपलब्ध नहीं थी।

ट्रायल डॉ. सुधीर रावल, मेडिकल डायरेक्टर एंड चीफ ऑफ जेनिटो-यूरो ऑन्कोलॉजी, RGCIRC के नेतृत्व में डॉ. वंदना जैन, डॉ. अमिताभ सिंह और डॉ. आशीष खन्ना की एक्सपर्ट सर्जन टीम ने किया। प्रक्रियाएं बिना किसी टेक्निकल गड़बड़ी या सर्जिकल जटिलता के बिना कोई दिक्कत के पूरी की गईं, जिससे फिर से साबित हो गया कि टेलीसर्जरी परंपरागत ऑपरेटिंग रूम के हाई स्टैंडर्ड को पूरा कर सकती है। पूरे भारत में हाई-क्वालिटी हेल्थकेयर उपलब्ध कराने के उद्देश्य के साथ RGCIRC और SS इनोवेशन काफी समय से मिलकर काम कर रहे हैं। ये साझेदारी डिसेंट्रलाइजिंग एक्सीलेंस और भारत को ग्लोबल सर्जिकल इनोवेशन में लीडरशिप भूमिका में लाने के मिशन के अनुरूप है।

डॉ. सुधीर रावल का बयान

SSI रोबोटिक सिस्टम तैयार करने में RGCIRC ने टेक्नोलॉजी को परिष्कृत करने के लिए अति आवश्यक क्लीनिकल फीडबैक उपलब्ध कराकर एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये सफलता 'मेक इन इंडिया' का एक जीता-जागता उदाहरण है, जो इसके प्रैक्टिकल एप्लीकेशन को असल जिंदगी में स्थापित करता है। मरीजों के हित के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी को शामिल करने के प्रति RGCIRC की प्रतिबद्धता दोबारा जाहिर करते हुए डॉ. सुधीर रावल ने कहा, "सर्जनों को सशक्त करने और सर्जिकल तौर-तरीकों की दुनिया को एक दम बदलकर परंपरागत ऑपरेटिंग रूम के जैसा ही अनुभव सुनिश्चित करने के लिए आरजीसीआईआरसी मेडिकल टेक्नोलॉजी में हो रही उन्नति का पूरा फायदा उठाने के लिए SSI के साथ मिलकर कार्य कर रही है। ट्रायल्स की सफलता से मेडिकल प्रक्रियाएं स्थापित करने के साथ ही एडवांस हेल्थ केयर को आम जनमानस की पहुंच में लाने में मदद मिलेगी।"

टेलीसर्जरी के सबसे बड़े फायदे    

टेलीसर्जरी का सबसे बड़ा फायदा ये है कि सुपर स्पेशलिस्ट को सर्जरी के स्थान पर शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। कोई भी योग्य सर्जन ऑपरेटिंग थिएटर (OT) में सर्जरी का प्रबंध कर सकता है। वहीं सुपर स्पेशलिस्ट रिमोट तरीके से सर्जरी कर सकता है। इससे न केवल मेडिकल प्रोफेशनलों के  ट्रैवल लागत की बचत होगी, बल्कि उच्च-गुणवत्तापूर्ण देखभाल तक मरीज की रिमोट पहुंच सुनिश्चित होकर उसके अस्पताल के खर्चे भी बचेंगे। इस तरीके से स्पेशलाइज्ड मेडिकल केयर खासकर टियर 2 और 3 शहरों में बड़े स्तर पर उपलब्ध होगी, जिससे एडवांस सर्जिकल प्रक्रियाएं ज्यादा सुलभ और किफायती बनेंगी।

टेक्नोलॉजी से टियर 2 और 3 शहरों को मिलेगा फायदा

सफल ट्रायल RGCIRC की अग्रणी प्रयासों पर आधारित हैं, जो भारत की पहली टेलीसर्जरी से शुरू हुए। SS इनोवेशंस के साथ मिलकर की गई शुरूआती टेलीसर्जरी हेल्थकेयर डिलीवरी में भौगौलिक रुकावटों को तोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई। फिलहाल चल रहे ट्रायल और उन्नति RGCIRC और SSI द्वारा मेडिकल क्षेत्र में नये मानक स्थापित करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। ट्रायलों के सफल परिणामों से टेलीसर्जरी का भविष्य सुनहरा दिख रहा है। इस टेक्नोलॉजी से खासकर टियर 2 और 3 शहरों में हेल्थ केयर डिलीवरी में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा, जहां पर स्पेशलाइज्ड मेडिकल केयर तक पहुंच अक्सर सीमित है। एडवांस सर्जिकल प्रक्रियाओं को अधिक सुलभ और किफायती बनाकर RGCIRC और SSI मेडिकल एक्सीलेंस के एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं।

RGCIRC के बारे में जानें

वर्ष 1996 में स्थापित हुआ राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (RGCIRC) कैंसर के उपचार के लिए एशिया के प्रमुख अद्वितीय केंद्रों में गिना जाता है, जहां अत्याधुनिक तकनीक का अनूठा फायदा और सुपर स्पेशलिस्टों की विशेषज्ञता उपलब्ध है। लगभग 2 लाख वर्ग फुट में फैले और नीति बाग में एक और सुविधा के साथ रोहिणी में 500+ बिस्तरों की वर्तमान क्षमता के साथ RGCIRC महाद्वीप के सबसे बड़े टर्टियरी कैंसर देखभाल केंद्रों में से एक है। 3.5 लाख से ज्यादा मरीजों के सफल इलाज के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ संस्थान पूरे शरीर की रोबोटिक सर्जरी, साइबर नाइफ, टोमोथेरेपी, ट्रू बीम (अगली पीढ़ी की इमेज गाइडेड रेडिएशन थेरेपी), इंट्रा-ऑपरेटिव ब्रैकीथेरेपी, PET-MRI फ्यूजन और अन्य जैसी सर्वश्रेष्ठ तकनीकें उपलब्ध कराता है। 

RGCIRC में थ्री स्टेज एयर फिल्ट्रेशन और गैस स्केवेंजिंग सिस्टम के साथ 14 अत्याधुनिक सुसज्जित मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर और और डे-केयर सर्जरी के लिए 3 माइनर ऑपरेशन थिएटर हैं। संस्थान को लगातार भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑन्कोलॉजी अस्पतालों में घोषित किया जाता रहा है और इसे कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। वर्ष 2023 में RGCIRC को अग्रणी अमेरिकी मैग्जीन 'न्यूज वीक' द्वारा ऑन्कोलॉजी में एशिया पैसिफिक क्षेत्र के लिए शीर्ष विशेष अस्पताल घोषित किया गया था। साल 2024 में 'न्यूज़ वीक' ने इसे ऑन्कोलॉजी के लिए दुनिया में सर्वश्रेष्ठ अस्पताल बताया था।

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