Wayanad Landslides: पानी में घटी एम्बुलेंस की रफ्तार, मदद को दौड़े लोग, वीडियो

Published : Aug 01, 2024, 11:34 AM ISTUpdated : Aug 01, 2024, 11:44 AM IST
Wayanad Landslides

सार

केरल के वायनाड में भूस्खलन (Wayanad Landslides) के चलते मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 256 हो गई है। शवों को ले जा रहे एम्बुलेंस का तांता देखकर लोगों की आंखें नम हो गईं।

वायनाड। केरल (Kerala Landslides) के वायनाड में मेप्पाडी के पास मंगलवार सुबह पहाड़ी इलाकों में हुए भीषण भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 256 हो गई है। 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। एम्बुलेंस को रास्ते में कोई बाधा नहीं आए इसके लिए आम लोग सड़क पर जुटे हैं। घायल को ले जा रही एक एम्बुलेंस की रफ्तार पानी में कम हुई तो लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। इस घटना का वीडियो सामने आया है।

शव ले जा रहे एम्बुलेंस का लगा तांता

भूस्खलन में मारे गए लोगों के शवों को एम्बुलेंस में रखकर ले जाया गया। शव इतने अधिक थे कि उन्हें ले जा रहे एम्बुलेंस का तांता लग गया। इस घटना का वीडियो सामने आया है। इसमें धुंध भरी खाली सड़क पर एक के बाद एक एम्बुलेंस को गुजरते देखा जा सकता है।

पानी में एम्बुलेंस की कम हुई रफ्तार, मदद के लिए दौड़े लोग

आपदा कि इस घड़ी में केरल के लोगों के जज्बे की खूब सराहना हो रही है। भूस्खलन वाली जगह से घायलों को निकाला जा रहा है। इनके लिए एक-एक पल कीमती है। घायलों को ले जा रहे एम्बुलेंस की राह में बाधा नहीं आए इसके लिए लोग सड़क पर जुट हुए हैं। वे एम्बुलेंस के लिए रास्ता खाली कराते हैं। एक ऐसी ही घटना में सड़क पर भरे पानी में एम्बुलेंस की रफ्तार कम हुई तो लोग दौड़ पड़े। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है।

 

 

बारिश से उफनाई नदी, रस्सी के सहारे चलाया जा रहा बचाव अभियान

भारी बारिश के चलते केरल में नदियां उफनाई हुईं हैं। वायनाड में नदी की तेज धारा के बीच खड़े होकर जवान बचाव अभियान चला रहे हैं। पानी के तेज बहाव के बीच वे रस्सी पकड़े रहते हैं और इसके सहारे संकट में फंसे लोगों की जान बचा रहे हैं।

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बता दें कि मंगलवार सुबह भारी बारिश के बाद वायनाड के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव में भूस्खलन के कारण सबसे ज्यादा तबाही हुई है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि सेना ने करीब 1,000 लोगों को बचाया है। 220 लोग अभी भी लापता हैं। बचाव अभियान गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी है। हजारों लोग राहत शिविरों में हैं। उन्हें मानसिक आघात लगा है। मंत्री ने कहा, "मैंने अस्पतालों और शिविरों का दौरा किया। हमारी प्राथमिकता मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना और संक्रामक रोगों को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करना है।"

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