
नई दिल्ली. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर राज्यसभा में बयान दिया। उन्होंने बताया कि भारत-चीन ने तय किया है कि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अपनी एक इंच जगह भी किसी को नहीं लेने देंगे। पेंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक को लेकर दोनों देशों में समझौता हुआ है और सेनाएं पीछे हटेंगी। चीन पैंगोंग के फिंगर 8 के बाद ही अपनी सेनाओं को रखेगा।
तीन सिद्धांतों के साथ चीन-भारत विवाद सुलझेगा
"हम नियंत्रण रेखा पर एक शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत ने हमेशा द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर दिया है। पिछले साल से हमने चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तर पर संबंध बनाए रखे हैं। वार्ता के दौरान हमने चीन से कहा कि हम तीन सिद्धांतों पर आधारित मुद्दे का समाधान चाहते हैं। सबसे पहले, दोनों पक्षों को एलएसी पर सहमत होना चाहिए और इसका सम्मान करना चाहिए। दूसरे, किसी भी दल द्वारा एकतरफा स्थिति बदलने का प्रयास नहीं होना चाहिए। तीसरे, दोनों पक्षों द्वारा सभी समझौतों पर पूरी तरह से सहमति होनी चाहिए।"
"हमने खोया नहीं है, कुछ इश्यूज बचे हैं"
राजनाथ सिंह ने कहा, चीन के साथ बातचीत में हमने खोया नहीं है। अभी भी कुछ इश्यूज बचे हैं। जिन जवानों ने अपनी जान इस दौरान गंवाई है उन्हें देश हमेशा सलाम करेगा।
"चीन ने गोला बारूद इकट्टा किया था"
"चीन ने पिछले साल भारी संख्या में गोला बारूद इकट्ठा किया था। हमारी सेनाओं ने चीन के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की थी। सितंबर में दोनों पक्ष ने एक दूसरे से बातचीत की। एलएसी पर यथास्थिति करना ही हमारा लक्ष्य है।"
"चीन को सेना ने जवाब दिया है"
"LAC पर चीन को सेना ने जवाब दिया और उसका कोई भी दावा नहीं माना। राजनाथ सिंह ने कहा, हमने यह स्पष्ट किया है कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए डिसइनगेजमेंट जरूरी है। हमारे सैनिकों ने लद्दाख में सीमा की रक्षा करने में वीरता दिखाई है।"
"हमने चीन का मुकाबला करने के लिए स्पष्ट कदम उठाया है। हमारे पास बहादुर जवान हैं। हम चाहते हैं कि दोनों पक्ष एलएसी का सम्मान करें। एकतरफा एलएसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हम चाहते हैं कि 2020 की फॉरवर्ड तैनाती को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाए।"