
Rajnath Singh on Tariff: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये साफ कर दिया है कि किसी भी देश का कोई स्थायी दोस्त या फिर दुश्मन नहीं होता, जो होता है वो सिर्फ राष्ट्रीय हित होता है। अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत लगाए जाने के बाद ये बयान सामने आया है। अपनी बात में उन्होंने ये साफ कर दिया कि बदलते वैश्विक हालात में भारत को अपने राष्ट्रीय हितों को सबसे ऊपर रखना होगा। आज दुनिया तेज़ी से बदल रही है और हर दिन नई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं। महामारी, आतंकवाद और क्षेत्रीय संघर्ष जैसी चुनौतियों ने इस सदी को बेहद अस्थिर बना दिया है। इन चुनौतियों के बीच, भारत अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दे रहा है। किसी को दुश्मन नहीं मानते हुए भी, हमारे किसानों, उद्योगपतियों और देश की अर्थव्यवस्था के हित सबसे पहले हैं, ऐसा राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया।
राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भरता को भारत के अस्तित्व और प्रगति के लिए ज़रूरी बताया। उन्होंने कहा कि पहले आत्मनिर्भरता को एक विकल्प माना जाता था, लेकिन आज यह एक आवश्यकता बन गई है। बाहरी निर्भरता अब एक विकल्प नहीं है। रक्षा मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि 2014 में भारत का रक्षा निर्यात सिर्फ़ ₹700 करोड़ था, जो आज बढ़कर ₹24,000 करोड़ हो गया है। यह दर्शाता है कि भारत रक्षा उत्पादक और निर्यातक के रूप में आगे बढ़ रहा है। राजनाथ सिंह का यह बयान ट्रंप की टैरिफ़ नीति पर भारत का करारा जवाब है और वैश्विक मंच पर भारत के मज़बूत रुख को दर्शाता है।
भारतीय सेना की क्षमता की तारीफ़ करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सेना ने स्वदेशी उपकरणों से लक्ष्यों पर सटीक हमले किए हैं। इसके लिए दूरदृष्टि, लंबी तैयारी और तालमेल की ज़रूरत होती है। ऑपरेशन सिंदूर कुछ दिनों की लड़ाई नहीं, बल्कि वर्षों की रणनीतिक तैयारी और स्वदेशी उपकरणों की ताकत का नतीजा है। एक धावक एक पल में जीतता हुआ दिख सकता है, लेकिन उसके पीछे वर्षों की कड़ी मेहनत होती है। उसी तरह, हमारी सेना की सफलता के पीछे लंबी तैयारी है, ऐसा राजनाथ सिंह ने बताया।
ट्रंप की टैरिफ़ की धमकी भले ही भारत की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती हो, लेकिन राजनाथ सिंह का यह बयान भारत के आत्मविश्वास को दर्शाता है। हम किसी से दुश्मनी नहीं चाहते, लेकिन अपने राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे, ऐसा उन्होंने दृढ़ता से कहा। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षमता को और मज़बूत करके वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।