राघव चड्ढा को राज्यसभा में आप नेता बनाए जाने से इनकार, सभापति जगदीप धनखड़ ने केजरीवाल का रिक्वेस्ट किया रिजेक्ट

आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उच्च सदन में राघव चड्ढा को पार्टी का नेता बनाए जाने का अनुरोध किया था। दरअसल, राज्यसभा में आप नेता संजय सिंह, दिल्ली आबकारी नीति केस में ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं।

AAP leader Raghav Chadha: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा में पार्टी का अंतरिम नेता बनाए जाने के रिक्वेस्ट को सभापति ने रिजेक्ट कर दिया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नियमों का हवाला देते हुए उनको उच्च सदन में नेता बनाए जाने से इनकार कर दिया है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उच्च सदन में राघव चड्ढा को पार्टी का नेता बनाए जाने का अनुरोध किया था। दरअसल, राज्यसभा में आप नेता संजय सिंह, दिल्ली आबकारी नीति केस में ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा कि संसद में मान्यता प्राप्त दलों और समूहों के नेता और मुख्य सचेतक (सुविधाएं) अधिनियम 1998 और उसके तहत बने नियमों के तहत राघव चड्ढा को नेता बनाए जाने संबंधी अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता। राज्यसभा सभापति धनखड़ ने कहा कि नियमानुसार लागू कानूनी व्यवस्था के अनुरुप चड्ढा को नेता बनाए जाने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। धनखड़ ने नियमों का हवाला देते हुए केजरीवाल के अनुरोध को ठुकरा दिया, संजय सिंह राज्यसभा में आप के नेता बने रहेंगे।

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आप संयोजक ने नए नेता को नियुक्त करने का किया था अनुरोध

इस महीने की शुरुआत में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जगदीप धनखड़ से राघव चड्ढा को राज्यसभा में आप के अंतरिम नेता के रूप में नियुक्त करने के लिए कहा था। दरअसल, दिल्ली सरकार की पूर्व में लागू नई आबकारी नीति में जांच के दौरान ईडी ने फ्लोर लीडर संजय सिंह को गिरफ्तार किया था। संजय सिंह ज्यूडिशियल हिरासत में हैं।

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने कोरोना पीरियड के दौरान नई आबकारी नीति लागू की थी। इस नई नीति के लागू होने के बाद बीजेपी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए हजारों करोड़ रुपये की रिश्वत का आरोप लगाया था जिसे गोवा विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल करने की बात कही गई थी। हालांकि, उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा कार्रवाई के लिए लेटर लिखे जाने के बाद आबकारी नीति को वापस लेते हुए पुरानी नीति को प्रभावी कर दिया गया था। हालांकि, उपराज्यपाल की संस्तुति के बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया। इसी आधार पर ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी। इस मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, संजय सिंह सहित कई दर्जन बिजनेसमैन और अधिकारी जेल में हैं।

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