राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने खत्म किया उपवास, सदन में विपक्षी सांसदों के व्यवहार से थे नाराज

विपक्षी सांसदों के व्यवहार से नाराज राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने अपना उपवास तोड़ दिया है। उन्होंने मंगलवार को सभापति एम वैकेंया नायडू को पत्र लिखकर उपवास की घोषणा की थी।संसद के ऊपरी सदन में हंगामा करने वाले उन 8 सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था।

Asianet News Hindi | Published : Sep 23, 2020 3:40 AM IST / Updated: Sep 23 2020, 01:12 PM IST

नई दिल्ली. विपक्षी सांसदों के व्यवहार से नाराज राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने अपना उपवास तोड़ दिया है। उन्होंने मंगलवार को सभापति एम वैकेंया नायडू को पत्र लिखकर उपवास की घोषणा की थी। संसद के ऊपरी सदन में हंगामा करने वाले उन 8 सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद से अभी तक विपक्ष का विरोध बरकरार है। विपक्ष ने बाकी के बचे मानसून सत्र का बायकॉट करने की बात कही है। जबकि सरकार ऑफर दे रही है कि आठों सांसद माफी मांग लें तो निलंबन वापस लेने पर विचार हो सकता है।  

सदन में बरकरार है हंगामा 

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रविवार को घटना के बाद सदन सुचारू रूप से नहीं चल सका है। हालांकि, मंगलवार को सरकार ने 7 विधेयक उच्च सदन से पास करा लिए। विपक्षी सांसदों का कहना है कि अगर नए कृषि विधेयकों पर उनकी तीन मांगें केंद्र सरकार द्वारा पूरी नहीं की जाती है तो वो संयुक्त रूप से सत्र का बहिष्कार करेंगे। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक विपक्ष की मांगें पूरी नहीं होंगी, वो सत्र का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने मंगलवार को कहा कि 'जब तक हमारे सांसदों के बहिष्कार को वापस नहीं लिया जाता और किसान के विधेयकों से संबंधित हमारी मांगों को नहीं माना जाता, विपक्ष सत्र का बहिष्कार करेगा।'

उपसभापति को दी हई धमकी: नायडू

सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि 'यह (रविवार) राज्यसभा के लिए सबसे खराब दिन था। उप-सभापति हरिवंश को धमकी दी गई।' उन्होंने कहा कि 'इससे मुझे बहुत दुख पहुंचा है, क्योंकि सदन में कल जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण, अस्वीकार्य और निंदनीय है।' नायडू ने कहा, 'कुछ संसद सदस्य वेल तक जा पहुंचे और पेपर फेंका, माइक तोड़ दिया, रूलबुक को फाड़ने की कोशिश की। यहां तक कि उपसभापति को भी धमकी दी गई। क्या यही संसद का स्टैंडर्ड है?' उन्होंने आगे कहा कि 'उपसभापति को शारीरिक रूप से धमकी दी गई और कहा गया कि अगर समय से मार्शल न आते तो उनके साथ बहुत बुरा होता। इन सब चीजों को जानकर मैं चिंतित हूं।'

 

पीएम मोदी ने किया था ट्वीट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उप-सभापति की ओर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे एक पत्र को शेयर किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें।'

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया और लिखा, 'हर किसी ने देखा कि दो दिन पहले लोकतंत्र के मंदिर में उनको किस प्रकार अपमानित किया गया, उन पर हमला किया गया और फिर वही लोग उनके खिलाफ धरने पर भी बैठ गए। लेकिन, आपको आनंद होगा कि आज हरिवंश जी ने उन्हीं लोगों को सवेरे-सवेरे अपने घर से चाय ले जाकर पिलाई।'

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