रामदेव 30 मिनट बोले, तमाम बातें कीं लेकिन पिछली बार की तरह नहीं कहा, पतंजलि ने कोरोना की दवा बना ली

कोरोना की दवा बनाने का दावा करने के बाद बाबा रामदेव विवादों में आ गए। इसके बाद उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, आयुष मंत्रालय ने कहा है कि पतंजलि ने कोविड-19 के मैनेजमेंट के लिए पर्याप्त काम किया है यानी अच्छी पहल की है। पतंजलि ने एक सही दिशा में काम करना शुरू किया है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 1, 2020 6:50 AM IST / Updated: Jul 01 2020, 12:53 PM IST

नई दिल्ली. कोरोना की दवा बनाने का दावा करने के बाद बाबा रामदेव विवादों में आ गए। अब उन्होंने इसपर सफाई दी। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने उनकी तारीफ की है। मंत्रालय ने कहा है कि पतंजलि ने कोविड-19 के मैनेजमेंट के लिए पर्याप्त काम किया है यानी अच्छी पहल की है। पतंजलि ने एक सही दिशा में काम करना शुरू किया है।


30 मिनट तक बोले, लेकिन नहीं किया दवा बनाने का दावा

रामदेव 30 मिनट तक दवा बनाने के दावे पर सफाई देते रहें। कई बातें की, लेकिन कहीं पर पिछली बार की तरह यह दावा नहीं किया कि पतंजलि ने कोरोना की दवा बना ली है। पिछले बार 23 जून को दवा लॉच करते हुए उन्होंने शुरू में ही कहा था, कोरोना की पहली आयुर्वेदिक क्लिनिकली कंट्रोल ट्रायल बेस्ड एविडेंस रिसर्च बेस्ड मेडिसन पतंजलि रिसर्च सेंटर और निम्न्स के संयुक्त प्रयास से तैयार हो गई है। 


"आयुर्वेद पर काम करना गुनाह हो गया है"

बाबा रामदेव ने कहा, ऐसा लगता है कि हिन्दुस्तान के अंदर योग आयुर्वेद का काम करना एक गुनाह हो और सैकड़ों जगह एफआईआर दर्ज हो गईं। जैसे किसी देशद्रोही और आतंकवादी के खिलाफ दर्ज होती हैं।  


"क्लीनिकल ट्रायल किया तो तूफान सा उठ गया"

रामदेव ने कहा, अभी तो हमने एक कोरोना के बारे में क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल का डाटा देश के सामने रखा तो एक तूफान सा उठ गया। उन ड्रग माफिया, मल्टीनेशनल कंपनी माफिया, भारतीय और भारतीयता विरोधी ताकतों की जड़ें हिल गईं।


"क्लीनिकल ट्रायल के सभी पैरामीटर्स को माना"

योग गुरु बाबा रामदेव ने बताया, उन्होंने कोरोना पर क्लीनिकल कंट्रोल का ट्रायल किया है। क्लीनिकल ट्रायल के जो भी पैरामीटर्स हैं,उनके तहत रिसर्च की। अभी तक कोरोना के ऊपर क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। इसके अलावा 10 से ज्यादा बीमारियों पर हम ट्रायल कर रहे हैं और उसमें तीन लेवल पार कर चुके हैं। इसमें हाईपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट, चिकुनगुनिया जैसे रोग शामिल हैं, जिन पर हम ट्रायल कर रहे हैं।


"आतंकवादियों की तरह व्यवहार, मेरी जाति, धर्म को लेकर कमेंट किए" 

बाबा रामदेव ने विवाद पर अपना गुस्सा भी जाहिर किया। उन्होंने कहा, लोग कह रहे हैं कि पतंजली ने पलटी मारी, कोई अनुसंधान नहीं किया और कुछ लोगों ने तो मेरी जाति, धर्म, संन्यास को लेकर और अलग-अलग प्रकार से गंदा वातावरण बनाने की कोशिश की। ऐसे लगता है कि हिंदुस्तान के अंदर आयुर्वेद का काम करना गुनाह हो। देशभर में एफआईआर दर्ज करा दी गईं, जैसे किसी देशद्रोही और आतंकवादी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती हैं।


"क्या भगवा धारण करने वाला रिसर्च नहीं कर सकता"

बाबा रामदेव ने कहा, यह एक साम्राज्यवादी सोच है कि कैसे एक भगवा धारण करने वाला रिसर्च कर सकता है। एक ट्रायल से ही मॉडर्न मेडिकल साइंस में तूफान आ गया है। उन्होंने कहा, अभी हम इस अनुसंधान को और आगे ले जाएंगे।


महाराष्ट्र सरकार ने कहा था फर्जी दवा

बाबा रामदेव की कोरोना की दवा पर महाराष्ट्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा, कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। हम बाबा रामदेव को चेतावनी देते हैं कि हमारी सरकार महाराष्ट्र में नकली दवाओं की बिक्री की अनुमति नहीं देगी। बता दें कि इससे पहले राजस्थान सरकार ने भी दवा की बिक्री पर रोक लगा दी है।


राजस्थान सरकार ने भी जताई थी नाराजगी

राजस्थान सरकार ने भी बाबा रामदेव के कोरोना की दवा खोजने के दावे को फ्रॉड बताया। राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा, महामारी के समय बाबा रामदेव ने इस तरह से कोरोना की दवा बेचने की कोशिश की है जो अच्छी बात नहीं है।

- उत्तराखंड सरकार ने भी पतंजलि को नोटिस भेजा है। उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग के लाइसेंसिंग ऑफिसर का कहना है कि पतंजलि के अप्लीकेशन पर हमने लाइसेंस जारी किया। इस अप्लीकेशन में कहीं भी कोरोना वायरस का जिक्र नहीं था। इसमें कहा गया था कि हम इम्युनिटी बढ़ाने, कफ और बुखार की दवा बनाने का लाइसेंस ले रहे हैं। विभाग की ओर से पतंजलि को नोटिस भेजा गया है।

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