यस बैंक ने नकदी संकट की जांच कर रही सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई का आरोप है कि यस बैंक ने साल 2017-18 में बिना किसी सिक्योरिटी के डीएचएफएल को 3,700 करोड़ रुपए का लोन दिया।
नई दिल्ली. यस बैंक ने नकदी संकट की जांच कर रही सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई का आरोप है कि यस बैंक ने साल 2017-18 में बिना किसी सिक्योरिटी के डीएचएफएल को 3,700 करोड़ रुपए का लोन दिया। एफआईआर ने जांच एजेंसी ने दावा किया कि 2018-19 में राणा कपूर यस बैंक के प्रमोटर निदेशक और सीईओ थे। उन्होंने डीएचएफएल के प्रमोटर निदेशक कपिल वधावन के साथ आपराधिक साजिश की। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि राणा कपूर ने डीएचएफएल को अपने और अपने परिवार के लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए वित्तीय सहायता (लोन) दी।
3700 करोड़ के लोन के बदले 600 करोड़ रुपए का फायदा
आरोप है कि 3,700 करोड़ रुपए का लोन देने के बदले में डीएचएफएल ने राणा कपूर की पत्नी और तीन बेटियों की कंपनी को 600 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया।
750 करोड़ रुपए का दूसरा लोन भी दिया गया
साल 2017-18 में यस बैंक ने डीएचएफएल को लोन की दूसरी किश्त दी, जिसकी कीमत 750 करोड़ रुपए थी। इस लोन के बदले डीएचएफएल ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को 1.60 करोड़ रुपए की मदद की।
डॉयट में 4500 करोड़ का निवेश
ईडी के सूत्रों की मुताबिक, डॉयट (डीओआईटी) वेंचर ने रियल एस्टेट में 4500 करोड़ रुपए का निवेश किया। कंपनी के पास व्यवसाय की एक्टिविटी का कोई रिकॉर्ड नहीं था। डॉयट (DOIT Urban Ventures) अर्बन वेंचर प्राइवेट लिमिटेड आरएबी (RAB Enterprises) इंटरप्राइजेट प्राइवेट लिमिटेड की सिस्टर कंपनी हैं, जिसमें राणा कपूर की पत्नी बिंदू कपूर डायरेक्टर हैं और 100% का शेयर है। इसके अलावा रोशनी कपूर, राधा कपूर खन्ना और राखी कपूर टंडर का डॉयट अर्बन वेंचर प्राइवेट लिमिटेड में 100% का शेयर है।
12 के खिलाफ FIR दर्ज
सीबीआई ने 9 मार्च को केस से जुड़े 7 जगहों पर छापे मारे। राणा कपूर, डीएचएफएल, आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स और डॉयट अर्बन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी जगहों पर सीबीआई ने तलाशी ली। सीबीआई ने इस मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिनमें राणा कपूर, पत्नी बिंदू कपूर, बेटियां रोशनी, राखी और राधा शामिल हैं। धीरज वधावन, कपिल वधावन और आरोपियों से जुड़ी कंपनियों को भी एफआईआर में शामिल किया गया है।