नेशनल हीरो बनकर उभरे उत्तराखंड सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने वाले, जहां अमेरिकी मशीन हुई नाकाम, देसी टेक्निक हुई सफल

17 दिनों से उत्तराखंड के सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। जहां दुनिया की ताकतवर मशीनें नाकाम साबित हुई वहां मैनुअल ड्रिलिंग से मजदूरों को बचा लिया गया है।

Silkyara tunnel rescue: 17 दिनों से उत्तराखंड के सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। जहां दुनिया की ताकतवर मशीनें नाकाम साबित हुई वहां मैनुअल ड्रिलिंग से मजदूरों को बचा लिया गया है। यह कर दिया है रैट-होल माइनिंग करने वाले श्रमिकों ने। रैट-होल माइनिंग ड्रिलर्स देश का हीरा बनकर उभरे हैं। इस कठिन और खतरनाक ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद जब वह बाहर निकले तो उनके चेहरे पर खुशी के साथ ही एक अनोखा आत्मविश्वास झलक रहा था। देश के ये नए हीरो ऐसी परिस्थितियों में अपना जीवन जोखिम में डालकर 41 लोगों की जान बचाने निकले थे जहां एक गलती जिंदा दफन कर देती। यहां तक की काम के दौरान सांस लेने में भी दिक्कत थी।

हालांकि, सफल ऑपरेशन ने उनके थकान को काफूर कर दिया है। जब ऑपेशन को पूरा करके हाथों में ड्रिल लिए यह खनिक बाहर निकले तो उनके पास साझा करने के लिए कई किस्से थे। इस टीम में शामिल देवेंद्र बताते हैं कि मजदूर हमें देखकर बहुत खुश हुए। उन्होंने हमें गले लगाया। जब मजदूरों ने उन लोगों को खुशी में बादाम दिया तो यह उनके लिए दुनिया का सबसे बड़ा तोहफा लगा। एक ड्रिलर ने कहा कि हमने 15 मीटर की दूरी तय की। जब हम मंजिल तक पहुंचे और मजदूरों को अंदर देखा तो खुद पर भरोसा दुगुना हुआ साथ ही एक अनोखी खुशी हुई।

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जब हाईटेक मशीन ने दिया दगा तो रैट-होल माइन टेक्निक पर लगाया दांव

दरअसल, सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए अमेरिका से लाई गई ऑगर मशीन टूट कर फंस गई तो सारा प्लान फेल होता दिखा। ऐसे में मैनुअल ड्रिलिंग का निर्णय लिया गया। रैट-होल माइनिंग टेक्निक एक बैन टेक्निक है जो पूर्व में कई हादसों की वजह से 2014 में बंद कर दिया गया था। इसके बाद सोमवार को रैट-होल टेक्निक वाले माइनर ने मैनुअल ड्रिलिंग शुरू कर दी। इस ऑपरेशन की सफलता के बाद श्रमिकों को बचाने वाली टीम के लीडर ने कहा कि उन्होंने बहुत मेहनत की। हम आश्वस्त थे कि हम फंसे हुए श्रमिकों को बचा लेंगे। यह हमारे लिए जीवन में मिला सबसे बड़ा अवसर था। हमने इसे चैलेंज के रूप में लिया और 24 घंटे बिना थके और रूके काम शुरू किया। नतीजा सामने है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया धन्यवाद

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजदूरों को बाहर निकाले जाने के बाद रेस्क्यू करने वाली रैट-होल माइनर्स टीम को धन्यवाद दिया। रैट-होल टेक्निक वाले माइनर्स की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए धामी ने कहा कि मशीनें खराब होती रहीं लेकिन मैं हाथ से खनन करने वालों को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं फंसे हुए श्रमिकों से भी मिला। उन्होंने कहा कि उन्हें सुरंग के अंदर कोई समस्या नहीं हुई।

मंगलवार को सभी फंसे मजदूरों को बाहर निकाला गया

बीते 12 नवम्बर को उत्तरकाशी के सिल्कयारा में एक सुरंग में काम कर रहे 41 मजदूर उस समय फंस गए जब सुरंग ढह गया। इसके बाद उन श्रमिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन की शुरूआत हुई। 17 दिनों की अथाह मेहनत के बाद श्रमिकों को बाहर निकाला गया। दो दिन पहले भारी ऑगर मशीन के खराब होने के बाद, रैट-होल खनिकों को मैनुअल ड्रिलिंग के लिए लगाया गया। इन लोगों ने दो दिनों की मेहनत से मजदूरों तक सुरंग बनाया और फिर पाइप डालकर मजदूरों तक पहुंच उनको किसी तरह निकाला जा सका।

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