शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे गुट को मिलने के बाद महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में तूफान बरपा हुआ है। चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। वहीं, राउत ने शिंदे के बेटे से अपनी जान का खतरा बताया है।
मुंबई. शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे गुट को मिलने के बाद महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में तूफान बरपा हुआ है। चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। इस मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया। इस मामले में जवाब देने के लिए कोर्ट ने शिंदे गुट और उद्धव गुट को दो सप्ताह का समय दिया है। वहीं, राउत ने शिंदे के बेटे से अपनी जान का खतरा बताकर राजनीति को एक नई हवा दे दी है।
हम संजय राउत को धमकी भरे कॉल की जांच करेंगे। हम इसकी भी जांच करेंगे कि क्या यह स्टंट है। राज्य पुलिस सुरक्षा का ध्यान रखेगी- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
शिवसेना के दोनों गुट(एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे) दोनों पार्टी पर अपना-अपना दावा कर रहे हैं। पिछले साल शिंदे ने ठाकरे से विद्रोह करके शिवसेना पर अपना दावा ठोंक दिया था। चुनाव आयोग ने पिछले दिनों ही शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देकर चुनाव चिह्न तीर-कमान उन्हें अलॉट कर दिया था। इस बीच 21 फरवरी को शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एकनाथ शिंदे को पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया। बैठक में शिंदे सरकार के पिछले छह महीने के कार्यकाल भी आकलन किया गया।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने मंगलवार(21 फरवरी) को पुलिस को पत्र लिखकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे से 'जीवन को खतरा' होने का आरोप लगाया है। इस मामले पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस(जो गृह विभाग भी संभालते हैं) ने कहा कि राज्यसभा सांसद को बिना सोचे-समझे आरोप लगाने की आदत है, लेकिन फिर भी रिव्यू के लिए संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा।
राउत ने लेटर में लिखा-लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे (एकनाथ शिंदे के बेटे) ने मुझे मारने की सुपारी ठाणे के एक अपराधी राजा ठाकुर को दी है। मैंने उसी के संबंध में पुष्टि की है। मैं आपको एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में सूचित कर रहा हूं। शिवसेना (यूबीटी) नेता ने मुंबई पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र में आरोप लगाए, जिसकी प्रतियां फडणवीस और ठाणे शहर की पुलिस को भी भेजी गईं।
राउत के पत्र से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए विधायक आदित्य ठाकरे (पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे) ने कहा, 'शिकायत को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। दुर्भाग्य से इन देशद्रोही विधायकों (शिंदे खेमे से) पर बिल्कुल भी लगाम नहीं लग रही है। मुंबई के माहिम इलाके में एक विधायक ने फायरिंग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।'
शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायक संजय शिरसाठ ने कहा, 'राउत सहानुभूति हासिल करने के लिए घटिया स्टंट कर रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए। हालांकि, यह मत भूलिए कि राउत बहुत सारे स्टंट करते हैं, जिनमें कोई दम नहीं होता।'
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि डॉक्टर श्रीकांत शिंदे (ठाणे जिले के कल्याण से लोकसभा सांसद) कभी ऐसा नहीं करेंगे, फिर भी जांच शुरू की जा सकती है।"
पत्र के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, 'राउत बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं और इससे हमें हैरानी होती है कि हम क्या प्रतिक्रिया दे सकते हैं। पहले हम उनके आरोपों का जवाब देते थे।' उन्होंने कहा कि राज्यसभा सांसद हमदर्दी लेने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे लगता है कि वह इस तरह के आरोप लगाकर सनसनी पैदा कर रहे हैं। वह सोच सकता है कि इससे उसे कुछ सहानुभूति मिलेगी। लेकिन फर्जी आरोप लगाने से आपको सहानुभूति नहीं मिलती है।'
राउत को एडिशनल सिक्योरिटी देने के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, कुछ नेताओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक समिति बनाई गई है। समिति तय करती है कि किसी विशेष नेता को सुरक्षा प्रदान की जाए या बढ़ाई जाए। राज्य के मुख्य सचिव इस समिति के प्रमुख हैं और पैनल पत्र का संज्ञान लेगा।'
फडणवीस ने राउत पर कटाक्ष किया और कहा कि वह सिर्फ पब्लिसिटी के लिए आरोप लगाते हैं। भाजपा नेता ने कहा, "उन्होंने 2,000 करोड़ रुपये (शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर चुनाव आयोग के पिछले शुक्रवार के फैसले के बाद की डील) के बारे में आरोप लगाया। उनके पास अपने आरोपों के समर्थन में एक भी सबूत नहीं है।"
उपमुख्यमंत्री ने कहा, "पहले हम उनके आरोपों का जवाब देते थे लेकिन अब वह बिना सोचे समझे आरोप लगाते हैं और सवाल यह रहता है कि उन्हें क्या जवाब दिया जाए।"
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