Red Fort Ownership: सुप्रीम कोर्ट ने सुल्ताना बेगम की लाल किला पर मालिकाना हक की याचिका खारिज की

Published : May 05, 2025, 05:56 PM ISTUpdated : May 05, 2025, 06:03 PM IST
Supreme Court (Photo/ANI)

सार

Red Fort Ownership Claim: सुप्रीम कोर्ट ने सुल्ताना बेगम की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह 'भ्रामक' और 'देरी से दायर' की गई थी। जानें पूरा मामला, तर्क और कोर्ट की टिप्पणियां।

Red Fort Ownership Claim: लालकिला पर मालिकाना हक के लिए सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए याचिका को भ्रामक और देर से किया गया दावा बताया। मुगल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र द्वितीय के प्रपौत्र की विधवा सुल्ताना बेगम ने यह याचिका दायर की थी। उन्होंने लालकिला को अपनी संपत्ति बताते हुए मालिकाना हक की मांग की थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दावा को खारिज करते हुए कहा कि यह भ्रामक और देरी से दायर की गई याचिका है।

Red Fort Ownership Claim में क्यों खारिज हुई याचिका?

भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीस खन्ना ने कहा कि लाल किला पर ही मालिकाना हक क्यों? फतेहपुर सीकरी और ताजमहल पर भी दावेदारी क्यों नहीं कर लेते? उन्होंने कहा कि यह याचिका खारिज की जाती है।

कौन हैं सुल्ताना बेगम?

याचिकाकर्ता सुल्ताना बेगम कोलकाता के पास हावड़ा में रहती हैं। सुल्ताना बेगम नेकोर्ट में दावा किया कि वह मुग़ल शासकों की वंशज हैं और लाल किला उनके पूर्वजों की संपत्ति थी जिसे 1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेजों ने छीन लिया था।

Red Fort Ownership: पहले भी कर चुकी हैं याचिका दायर

Red Fort Ownership का दावा कोई नई लड़ाई नहीं है। सुल्ताना बेगम 2021 में दिल्ली हाई कोर्ट भी गई थीं, जहां उन्होंने कहा था कि 1960 में भारत सरकार ने उनके दिवंगत पति बेदार बख़्त को बहादुर शाह ज़फ़र द्वितीय का उत्तराधिकारी माना था और पेंशन देना शुरू किया था, जो बाद में उन्हें स्थानांतरित हुई।

लाल किला के लिए संविधान के अनुच्छेद 300A का हवाला

सुल्ताना बेगम ने याचिका में तर्क दिया कि सरकार ने 'अवैध रूप से' लाल किले पर कब्जा कर लिया है और उचित मुआवज़ा नहीं दिया गया जो उनके Article 300A के तहत प्राप्त मूल अधिकारों का उल्लंघन है। इस आर्टिकल के अनुसार, किसी को भी उसकी संपत्ति से सिर्फ़ कानून के तहत ही वंचित किया जा सकता है। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन लाल किला पर मालिकाना हक के दावा को फिर से खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि अपील काफी देरी से दायर की गई थी और सुल्ताना बेगम की अशिक्षा व अस्वस्थता का तर्क मान्य नहीं है।

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