Beating Retreat : वंदे मातरम के नारों से गूंजा अटारी-वाघा बॉर्डर, बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी दिखा जवानों का शौर्य

गणतंत्र दिवस के मौके पर अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन हुआ। इस दौरान सेना के जवानों ने शौर्य का प्रदर्शन किया। 
 

अमृतसर : 73वां गणतंत्र दिवस (Republic Day Parade 2022 ) पूरे देश में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर अटारी-वाघा बॉर्डर (Attari-Wagah border) पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी ( Beating Retreat) का आयोजन हुआ। इस दौरान सेना के जवानों ने शौर्य का प्रदर्शन किया। सीमा पर मौजूद पर्यटकों में खासा उत्साह देखने को मिला है। सेना के जवानों के हिंदुस्तान जिंदाबाद और वंदेमातरम के नारे लगाए. जिससे पूरा अटारी-वाघा बॉर्डर गूंज उठा. वीडियो देखने से पता चला रहा है कि कोरोना महामारी के बाद भी इस सेरमनी का लुफ्त लेने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे हैं। 

 

बापू के पसंदीदा भजन को हटाया गया,
इस सेरेमनी से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का पसंदीदा भजन धुन 'अबाइड विद मी' (Abide with me) को हटा दिया गया है. बीटिंग रिट्रीट (Beating Retreat) के लिए इस बार 26 धुनों की जो लिस्ट बनाई गई है, उसमें 'अबाइड विद मी' को ड्राप कर दिया गया है। इस धुन को रिपब्लिक डे समारोह के अंतिम दिन महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से एक दिन पहले 29 जनवरी को होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह के आखिर में बजाया जाता रहा है। 1950 से लगातार यह धुन बीटिंग रिट्रीट में बजाया जाता रहा है। 

मोदी सरकार में हुए कई बदलाव
मोदी सरकार के आने के बाद इस कार्यक्रम में कई भारतीय शास्त्रीय वाद्य यंत्रों का पहली बार इस्तेमाल किया गया है। जैसे 2015 में पहली बार सितार, संतूर और तबले की धुन को जोड़ा गया।  
बीटिंग रिट्रीट समारोह सदियों पुराने उस सैन्य परंपरा का हिस्सा है, जिसमें सेना लड़ना बंद कर देती है, अपने अस्त्र रख देती है और मैदान-ए-जंग से अपने शिविरों में लौट आती है। इ

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