राज्यसभा में उठा पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा, सरकार ने मुद्दे पर रुख स्पष्ट करने को कहा

राज्यसभा में सोमवार को विभिन्न विपक्षी दलों ने पदोन्नति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए वर्तमान आरक्षण व्यवस्था को नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर आशंका जताई।

Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2020 9:24 AM IST / Updated: Feb 10 2020, 04:28 PM IST

नई दिल्ली. राज्यसभा में सोमवार को विभिन्न विपक्षी दलों ने पदोन्नति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए वर्तमान आरक्षण व्यवस्था को नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर आशंका जताई जबकि सरकार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर दोपहर को अपना रुख स्पष्ट करेगी।

उच्च सदन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातियों के लोगों को आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार अपराह्न दो बजे अपना रुख साफ करेगी।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा

उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर जब विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने पदोन्नति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए वर्तमान आरक्षण व्यवस्था को नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर आशंका जताई तब सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि न्यायालय की व्यवस्था पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की जा सकती। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि सदस्य अत्यंत संक्षेप में अपनी बात रख सकते हैं।

सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा

आसन की अनुमति से सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, माकपा सदस्य के के रागेश, भाकपा के विनय विश्वम और बसपा के सतीश चंद्र मिश्र ने अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों के लिए पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया।

इस पर सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि पदोन्नति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के बारे में सरकार अपराह्न दो बजे अपना रुख स्पष्ट करेगी।

सभापति नायडू ने कहा

इससे पहले सदन की बैठक शुरू होते ही सभापति नायडू ने कहा कि पदोन्नतियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था को लेकर कांग्रेस के पी एल पुनिया, भाकपा के विनय विश्वम और माकपा सदस्य के के रागेश ने चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं।

शून्यकाल एवं प्रश्नकाल नहीं लिए जाएंगे 

सभापति ने कहा कि शुक्रवार को इस बात पर सहमति बन गई थी कि सोमवार को शून्यकाल एवं प्रश्नकाल नहीं लिए जाएंगे तथा सीधे ही 2020-21 के लिए बजट पर चर्चा आरंभ की जाएगी। सभापति ने कहा कि इसीलिए वह ये नोटिस अस्वीकार करते हैं हालांकि वह सदस्यों को अत्यंत संक्षेप में अपनी बात कहने की अनुमति दे रहे हैं।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है ।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
 

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