जम्मू-कश्मीर के “करीब 99 प्रतिशत” इलाकों में लोगों की आवाजाही पर लगे प्रतिबंधों को हटा लिया गया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने शनिवार को यह जानकारी दी।
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के “करीब 99 प्रतिशत” इलाकों में लोगों की आवाजाही पर लगे प्रतिबंधों को हटा लिया गया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने शनिवार को यह जानकारी दी। यहां संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य का विशेष दर्जा वापस ले लेने के अगस्त के फैसले के मद्देनजर ‘‘बाहर से समर्थन प्राप्त आतंकवादियों” को जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने से रोकने के लिए ये पाबंदियां जरूरी थीं। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार हिरासत में लिए गए नेताओं समेत अन्य की रिहाई के लिए समीक्षा कर रही है।
पर्यटकों के लिए बेहतर माहौल बनाएगी सरकार
कंसल ने कहा कि 16 अगस्त के बाद से जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे पाबंदियां हटाई जा रही थीं और ज्यादातर पाबंदियां सितंबर के पहले हफ्ते तक हटा ली गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘आठ से 10 थाना क्षेत्रों को छोड़ कर बाकी हर जगह से प्रतिबंध पूरी तरह हटा लिए गए हैं। जम्मू कश्मीर के 99 प्रतिशत इलाकों में आवाजाही पर कोई रोक-टोक नहीं है।” कंसल ने कहा कि पर्यटकों का राज्य में स्वागत है और सरकार उनके दौरे को सुगम बनाने की व्यवस्था करेगी।
4 अगस्त को लगाए गए थे प्रतिबंध
साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर उन लोगों की मदद के लिए इंटरनेट सुविधाएं शुरू कर दी गई हैं जो इसका प्रयोग करना चाहते हैं। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि पाबंदियां यह सुनिश्चित करने के लिए लगाई गई थीं कि आतंकवादी घटना के चलते किसी की जान न जाए। कंसल ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के संबंध में किए गए महत्त्वपूर्ण संवैधानिक बदलावों के मद्देनजर, चार अगस्त से कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए ताकि बाहरी समर्थन प्राप्त आतंकवादियों को शांति भंग करने और नागरिकों को किसी तरह का नुकसान पहुंचाने से रोका जा सके।”
सीमा पार से भेजे जा रहे आतंकवादी
प्रवक्ता ने कहा कि यह भली भांति ज्ञात है कि लोगों में डर का भाव पैदा करने के लिए राज्य में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए सीमा पार से लगातार कोशिशें की जा रही हैं, पूर्व में भी और पिछले दो महीनों से और ज्यादा। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन राज्य के लोगों को आतंकित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। कंसल ने कहा कि इसी को रोकने के मकसद से ये पाबंदियां लगाई गईं थी।
कश्मीर में पिछले 70 दिनों से बंद हैं बाजार
कश्मीर में हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई के बारे में पूछे जाने पर कंसल ने कहा कि प्रत्येक मामले की समीक्षा की जा रही है। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में शनिवार को लगातार 69वें दिन सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा जहां मुख्य बाजार बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहे।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)