विश्व में मचेगा चावल के लिए हाहाकार: भारत में कीमतों में आई तेजी के बाद चावल एक्सपोर्ट बैन करने की तैयारी

Published : Jul 13, 2023, 03:55 PM ISTUpdated : Jul 13, 2023, 03:57 PM IST
tips to select right rice for biryani or pulao

सार

सरकार सभी गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की योजना पर चर्चा कर रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि घरेलू कीमतें बढ़ती जा रही हैं।

Rice export ban in India: दुनिया का सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्टर भारत, गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा सकता है। अल नीनो इफेक्ट को देखते हुए भारत एक्सपोर्ट बैन पर विचार कर रहा है। दरअसल, चावल का उत्पादन कम होने की वजह से कीमतें आसमान छू सकती हैं जिससे मुद्रास्फीती दर पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। हालांक, भारत द्वारा एक्सपोर्ट पर बैन से देश में कीमतों पर नियंत्रण तो हो जाएगा लेकिन वैश्विक रूप से पहले से ही चावल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है अगर बैन लागू किया गया तो दुनिया में चावल की कीमतों में तेजी से वृद्धि भी होगी।

सरकार और महंगाई नहीं चाहती

सरकार सभी गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की योजना पर चर्चा कर रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि घरेलू कीमतें बढ़ती जा रही हैं। सरकार ऐसे में अधिक मुद्रास्फीति के जोखिम से बचना चाहती है। चावल का निर्यात बैन होने के बाद कीमतों पर तेजी से नियंत्रण पाया जा सकेगा।

80 प्रतिशत चावल निर्यात को करेगा प्रभावित

भारत में करीब 80 प्रतिशत गैर बासमती चावल का निर्यात होता है। बैन से पूरे विश्व में चावल के लिए मांग तेजी से बढ़ेगी जिसका असर महंगाई पर पड़ेगा। यानी वैश्विक स्तर पर चावल के रेट में तेजी आएगी और तमाम जगह हाहाकार की स्थिति है। चावल दुनिया की लगभग आधी आबादी का मुख्य भोजन है। एशिया, ग्लोबल सप्लाई का लगभग 90% उपभोग करता है। अल नीनो की वजह से दो साल से पहले से ही चावल की कीमतें अपने उच्चतम लेवल पर है।

दुनिया में चावल की मांग का 40 प्रतिशत भारत करता सप्लाई

वैश्विक चावल व्यापार में भारत की हिस्सेदारी लगभग 40% है। भारतीय चावल की कई किस्मों की दुनिया में काफी अधिक डिमांड है। पिछले साल, रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद दक्षिण एशियाई राष्ट्र ने टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। सफेद और भूरे चावल के शिपमेंट पर 20% शुल्क लगाया था। इसका प्रभाव यह हुआ कि गेहूं और मकई जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ गई थीं। देश ने गेहूं और चीनी निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। भारत 100 से अधिक देशों को चावल की आपूर्ति करता है। भारत से सप्लाई पाने वालों में बेनिन, चीन, सेनेगल, कोटे डी आइवर और टोगो इसके सबसे बड़े ग्राहक हैं। हालांकि, चीन जैसे कई देश इस बार चावल का अत्यधिक स्टोरेज पहले से ही कर रहे हैं।

दिल्ली में चावल के खुदरा कीमतों में 15 प्रतिशत की वृद्धि

खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में चावल की खुदरा कीमतें इस साल लगभग 15% बढ़ी हैं, जबकि देश भर में औसत कीमत 8% बढ़ी है। खाद्य पदार्थों की लगातार ऊंची कीमतें इस साल के अंत में कई राज्यों के चुनावों और 2024 में राष्ट्रीय चुनावों से पहले लोकप्रिय भावना को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

यह भी पढ़ें:

सुप्रीम कोर्ट के ED डायरेक्टर के तीसरे एक्सटेंशन को अवैध करार देने पर गृह मंत्री अमित शाह बोले-ज्यादा खुश न हों,

PREV

Recommended Stories

पुतिन बोले- मोदी प्रेशर में आने वाले नेता नहीं, भारत को बताया दुनिया की उभरती ताकत
पुतिन के स्वागत में सजा पीएम हाउस, रूसी राष्ट्रपति संग मोदी की खास PHOTOS