ऑफिस टाइम के बाद नो कॉल-ईमेल, लोकसभा में पेश होने वाला 'डिस्कनेक्ट बिल' क्या है?

Published : Dec 06, 2025, 05:41 PM IST
ऑफिस टाइम के बाद नो कॉल-ईमेल, लोकसभा में पेश होने वाला 'डिस्कनेक्ट बिल' क्या है?

सार

NCP सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में 'राइट टू डिस्कनेक्ट बिल' पेश किया है। इसके तहत, ऑफिस टाइम के बाद कंपनी कर्मचारियों को काम के लिए फोन या ईमेल नहीं कर सकती। यह बिल कर्मचारियों के निजी समय और प्राइवेसी का सम्मान सुनिश्चित करेगा।

नई दिल्ली: ऑफिस का काम खत्म करके घर जाने के बाद या वर्क फ्रॉम होम में काम के घंटे खत्म होने के बाद, आपके पर्सनल टाइम में कंपनी का काम से जुड़ा फोन या ईमेल करना अपराध माना जाएगा। इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लोकसभा में 'राइट टू डिस्कनेक्ट बिल' पेश किया है। इस बिल के मुताबिक, ऑफिस को कर्मचारियों की प्राइवेसी और उनके निजी समय का सम्मान करना होगा। कर्मचारियों के निजी समय में काम करने के लिए कहना, काम से जुड़ी कोई बातचीत, फोन कॉल या ईमेल नहीं किया जा सकेगा।

राइट टू डिस्कनेक्ट बिल 2025

राइट टू डिस्कनेक्ट बिल 2025 पेश किया गया है। इस बिल को एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने पेश किया है। बिल पेश करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा कि यह बिल प्राइवेट और दूसरे कर्मचारियों की भलाई और उनके निजी समय का सम्मान करने के लिए बहुत ज़रूरी है। हाल में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां ऑफिस टाइम के बाद किए गए कॉल, ईमेल या काम का जवाब नहीं देने पर नौकरी से निकाल दिया गया या किसी और तरीके से टारगेट किया गया। इसलिए, सदन को 'राइट टू डिस्कनेक्ट बिल' को गंभीरता से लेकर पास करना चाहिए और श्रम मंत्रालय को इसे एक कानून का रूप देना चाहिए।

सुप्रिया सुले केंद्र सरकार का हिस्सा नहीं हैं, वह सिर्फ एक एनसीपी सांसद हैं। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य बिल पेश कर सकते हैं। गंभीर मुद्दों या किसी भी विषय पर बिल पेश करके सरकार का ध्यान खींचने का मौका होता है। लेकिन ज़्यादातर मामलों में ऐसे बिलों को मंजूरी नहीं मिलती। इन बिलों को कानून बनाने में कई रुकावटें आती हैं। यही नहीं, सत्ताधारी सरकार प्राइवेट बिलों को गंभीरता से नहीं लेती है।

ऑफिस टाइम के बाद पूरी तरह डिस्कनेक्ट

यह बिल ऑफिस टाइम में काम करने और उसके बाद ऑफिस से पूरी तरह डिस्कनेक्ट होने का मौका देता है। इसका मतलब है कि छुट्टी के दिन या काम के घंटे खत्म होने के बाद ऑफिस या मैनेजर काम के बारे में कोई कॉल, निर्देश या ईमेल नहीं भेज सकते। बिल कहता है कि कर्मचारी के निजी समय में दखल नहीं दिया जा सकता। अगर ऐसा कोई ईमेल या कॉल आता है, तो कर्मचारी को जवाब देने की ज़रूरत नहीं है। अगर इसी वजह से ऑफिस कोई कार्रवाई करता है, तो ऑफिस, बॉस, मैनेजर या संबंधित व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का भी मौका मिलेगा।

छुट्टी के दिन काम, समय खत्म होने के बाद काम, और ऑफिस से घर जाने के बाद भी कई कंपनियां कर्मचारियों को काम देती हैं। कर्मचारियों को मजबूरी में काम करना पड़ता है। कर्मचारी के आराम और निजी समय का सम्मान करने के लिए ही सुप्रिया सुले ने यह बिल पेश किया है।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

चौतरफा फजीहत करवाकर IndiGo को करनी पड़ी एक घोषणा, 5-15 दिसंबर की यात्रा पर ऑटोमैटिक रिफंड
Indigo Crisis: चार दिन की अफरा-तफरी के बाद कब नॉर्मल होगा इंडिगो? आ गई बड़ी अपडेट