छत के नीचे दबे लोगों के शरीर के अंग कट गए थे, लोग बस चिल्ला रहे थे....गाजियाबाद हादसे की भयावह कहानी

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रविवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां मुरादनगर इलाके में श्मशान घाट में छत गिर गई। इस हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई। जबकि 38 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। यह हादसा उस वक्त हुआ, जब यहां के एक फल व्यापारी का अंतिम संस्कार चल रहा था। इसी दौरान गैलरी की छत गिर गई। इसके नीचे खड़े लोग दब गए।

Asianet News Hindi | Published : Jan 3, 2021 8:54 AM IST / Updated: Jan 04 2021, 07:33 AM IST

गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रविवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां मुरादनगर इलाके में श्मशान घाट में छत गिर गई। इस हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई। जबकि 38 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। यह हादसा उस वक्त हुआ, जब यहां के एक फल व्यापारी का अंतिम संस्कार चल रहा था। इसी दौरान गैलरी की छत गिर गई। इसके नीचे खड़े लोग दब गए।

वहीं, चश्मदीदों ने बताया कि हादसा बेहद भयावह था। मलबे में दबे लोगों के शरीर के अंग कट गए थे। छत काफी बड़ी होने के चलते लोग सिर्फ चिल्ला रहे थे और कुछ नहीं कर पा रहे थे।  

अचानक आई तेज आवाज, देखा तो लोग दबे थे- चश्मदीद
जयराम के पोते देवेंद्र ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उसके दादा का अंतिम संस्कार चल रहा था। बारिश भी हो रही थी, लोग गैलरी के नीचे खड़े हो गए। तभी अचानक तेज आवाज आई। जब लोग उस तरफ दौड़े तो देखा, लोग इसके नीचे दब गए हैं। हादसे में जयराम के बेटे की भी मौत हो गई। वहीं, उनका एक बेटा और भतीजा घायल हुआ है। 

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
मेरठ डिविजनल कमिश्नर अनीता सी मेशराम ने बताया, अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 38 लोगों की निकाला जा चुका है। इस मामले में जांच शुरू हो चुकी है। दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। 
 


बुलानी पड़ी क्रेन
श्मशान की छत काफी बड़ी होने के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए क्रेन बुलाई गई। एनडीआरएफ की टीम और स्थानीय पुलिस ने 38 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। 


सीएम ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में छत गिरने की घटना का संज्ञान लिया। उन्होंने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि घटना से प्रभावित व्यक्तियों को हर सम्भव मदद पहुंचाई जाए, साथ ही हादसे में घायल लोगों के इलाज की व्यवस्था की जाए।

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