संघ प्रमुख के भाषण की 10 बड़ी बातें: हिंदू-मुस्लिम सभी के लिए बने जनसंख्या नीति, छोटी-छोटी बातों पर लड़ो मत...
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने विजयादशमी के मौके पर कई बड़ी बातें कहीं हैं। विजयादशमी वह त्योहारत होता है जब आरएसएस के नागपुर मुख्यालय में साल का सबसे बड़ा कार्यक्रम किया जा है और शस्त्र पूजन भी होता है। इस दौरान संघ प्रमुख ने कई बड़ी बातें कही हैं।
Manoj Kumar | Published : Oct 5, 2022 5:54 AM IST / Updated: Oct 05 2022, 11:38 AM IST
RSS Chief Mohan Bhagwat Statement. RSS यानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का स्थापना दिवस नागपुर मुख्यालय में मनाया जा रहा है। नागपुर के रेशम बाग में हुए वार्षिक विजयादशमी कार्यक्रम को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संबोधित किया है। इस दौरान उन्हें देश की तरक्की, देश में एकता और शांति से लेकिर बेरोजगारी तक अपनी बात कही है। आरएसएस प्रमुख ने बढ़ती जनसंख्या को रोकने की नीति और नियम बनाने पर भी जोर दिया है। आइए जानते हैं मोहन भागवत की 10 बड़ी बातें...
1. RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि यह सही है कि जनसंख्या जितनी अधिक उतना बोझ ज्यादा। जनसंख्या का ठीक से उपयोग किया तो वह साधन बनता है। हमको भी विचार करना होगा कि हमारा देश 50 वर्षों के बाद कितने लोगों को खिला और झेल सकता है।
2. संघ प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या की एक समग्र नीति बने और वह सब पर समान रूप से लागू होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना संसाधनों के निर्माण बढ़ता है तो वह बोझ बन जाता है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
3. मोहन भागवत ने कहा कि जनसंख्या को संपत्ति मामना एक दृष्टिकोण है लेकिन हमें दोनों पहलुओं को समझना होगा। यह आज की जरूरत है सभी के लिए एक जनसंख्या नीति बने और पालन किया जाए।
4. संघ प्रमुख ने कहा कि रोजगार मतलब नौकरी और नौकरी के पीछे ही भागेंगे और वह भी सराकरी नौकरी के पीछे ही जाएंगे। अगर ऐसे सब लोग दौड़ेंगे तो नौकरी कितनी दे सकते हैं? कहा कि यह समझना होगा।
5. आरएसएस के मुखिया ने कहा कि किसी भी समाज में सराकरी और प्राइवेट मिलाकर ज्यादा से ज्यादा 10, 20 या 30 प्रतिशत लोग ही नौकरी करते हैं। बाकी सब को अपना काम करना पड़ता है। इस तथ्य को समझकर रखना चाहिए।
6. मोहन भागवत ने कहा कि जो सब काम मातृ शक्ति कर सकती है वह सब काम पुरुष नहीं कर सकते। इतनी उनकी शक्ति है और इसलिए उनको इस प्रकार प्रबुद्ध, सशक्त बनाना, उनका सशक्तिकरण करना और उनको काम करने की स्वतंत्रता देना और कार्यों में बराबरी की सहभागिता देना अहम है।
7. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि यह एक मिथक है कि करियर के लिए अंग्रेजी बहुत जरूरी है। नई शिक्षा नीति से छात्र उच्च संस्कारी, अच्छे इंसान बने जो देशभक्ति से प्रेरित हो। यही सबकी इच्छा है। समाज को इसका समर्थन करना चाहिए।
8. संघ प्रमुख ने कहा कि आज आत्मनिर्भर भारत की आहट आ रही है। दुनियाभर में भारत की बात सुनी जा रही है। आत्मा से ही आत्मनिर्भरता आती है। विश्व में हमारी प्रतिष्ठा और साख बढ़ी है।
9. आरएसएस चीफ ने कहा कि जिस तरह से हमने श्रीलंका का मदद की है। दुनिया के अन्य संकटग्रस्त देशों तक मदद पहुंचाई है, वह अच्छा कदम है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत के रूख ने दुनिया के बताया कि अब उनकी सुनी जा रही है।
10. विजयादशमी कार्यक्रम में शामिल हुई संतोष यादव ने कहा कि अक्सर मेरे व्यवहार और आचरण से लोग मुझसे पूछते थे कि 'क्या मैं संघी हूं?' तब मैं पूछती की वह क्या होता है? मैं उस वक्त संघ के बारे में नहीं जानती थी। आज वह प्रारब्ध है कि मैं संघ के इस सर्वोच्च मंच पर आप सब से स्नेह पा रही हूं।