जम्मू-कश्मीर से धारा 370(Article 370) हटने के बाद पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat)30 सितंबर को जम्मू-कश्मीर पहुंच रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) 30 सितंबर को जम्मू-कश्मीर जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर से धारा 370(Article 370) हटने के बाद यह उनकी पहली यात्रा है। वे 4 दिन राज्य में रहेंगे। इस दौरान वे के कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। बता दें कि भारत सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 पेश किया था, जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केन्द्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया था।
भागवत की यात्रा पर सबकी निगाहें
RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) अपनी जम्मू-कश्मीर विजिट के दौरान 'प्रबुद्ध वर्ग' के सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे। मोहन भागवत हर 2 साल में एक बार किसी ने किसी राज्य का दौरा करते हैं। चूंकि पिछले साल से देश में Corona महामारी चल रही है, इसलिए उनके कार्यक्रम भी नहीं हो सके थे। इस दौरान भागवत जम्मू-कश्मीर में संघ के प्रचारकों और संघ के कार्यों में शामिल लोगों से भी मिलेंगे।
मोहन भागवत के कार्यक्रम से पहले कई संघ नेता पहुंचे
मोहन भागवत के जम्मू-कश्मीर दौरे पर आने से पहले कार्यक्रम की तैयारियों के लिए संघ के कई पदाधिकारी जम्मू पहुंच गए हैं। इनमें क्षेत्र प्रचार प्रमुख अनिल भी शामिल हैं। 3 सितंबर को मोहन भागवत जम्मू में 1953 में हुए प्रजा परिषद के आंदोलन में शामिल लोगों से मुलाकात करेंगे।
यह है मोहन भागवत का कार्यक्रम
मोहन भागवत 30 सितंबर से 3 अक्टूबर तक जम्मू में रहेंगे। उनका एकमात्र सार्वजनिक कार्यक्रम 2 अक्टूबर को जनरल जोरावर सिंह सभागार में होगा। इसमें 700 प्रमुख नागरिकों को बुलाया गया है। अन्य कार्यक्रम संघ के प्रदेश मुख्यालय केशव भवन में रखे गए हैं। एक अक्टूबर को मोहन भागवत प्रचारकों से बैठक करेंगे। 3 अक्टूबर को वर्चुअल माध्यम से संघ प्रमुख प्रदेश के स्वयं सेवकों को संबोधित करेंगे।
पिछले महीने राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के दौरे पर कही थी ये बात
अगस्त में कांग्रेस नेता राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए थे। धारा 370 हटने के बाद उनकी भी यह पहली यात्रा थी। तब श्रीनगर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था-जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा वापस मिलना चाहिए और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए। वे(भाजपा) संसद में बोलने नहीं देते हैं, हमें दबा देते हैं। मैं संसद में पेगासस, राफेल, जम्मू-कश्मीर, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी के बारे में नहीं बोल सकता। ये लोग हिंदुस्तान की सभी संस्थाओं पर हमला कर रहे हैं। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाते हुए कहा था-चुनाव जल्दी होने चाहिए, उससे पहले राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। कश्मीरी पंडितों को वापस लाना चाहिए। नए कानून में जब राज्य का दर्ज़ा मिलेगा जमीन और नौकरी पहले की तरह होनी चाहिए।