रूस में भारतीय छात्रों को कोई खतरा नहीं, जारी रखें पढ़ाई; रूस स्थित भारतीय दूतावास ने जारी की गाइडलाइन

Published : Mar 11, 2022, 06:14 PM ISTUpdated : Mar 11, 2022, 06:15 PM IST
रूस में भारतीय छात्रों को कोई खतरा नहीं, जारी रखें पढ़ाई; रूस स्थित भारतीय दूतावास ने जारी की गाइडलाइन

सार

Russia embassy issued guidelines for Indian students : रूस में भारतीय दूतावास (Indian embassy in Russia) ने रूस में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए नई गाइडलाइ जारी की है। दूतावास की तरफ से भारतीय छात्रों से कहा गया है कि हम आपको आश्वस्त करते हैं कि वर्तमान में कोई ऐसा सुरक्षा कारण नहीं है, जिसकी वजह से देश छोड़ना पड़े। 

नई दिल्ली। रूस में भारतीय दूतावास (Indian embassy in Russia) ने रूस में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए नई गाइडलाइ जारी की है। दूतावास की तरफ से भारतीय छात्रों से कहा गया है कि हम आपको आश्वस्त करते हैं कि वर्तमान में कोई ऐसा सुरक्षा कारण नहीं है, जिसकी वजह से देश छोड़ना पड़े। 

छात्रों ने पूछा था, रुकें या चले जाएं
गाइडलाइंस में कहा गया कि रूस में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों और विश्वविद्यालयों की तरफ से पूछा गया था कि क्या रूस में रहने पर उन्हें किसी तरह का खतरा है। उन्हें क्या करना चाहिए। रूस में रुकना चाहिए या फिर नहीं। इसके जवाब में रूस स्थित भारतीय दूतावास ने गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें कहा गया है कि दूतावास छात्रों और भारतीयों की सुरक्षा को लेकर सभी संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है। युद्ध के चलते भारत से रूस के बीच फ्लाइट की डायरेक्ट कनेक्टिविटी और बैंकिंग सेवाओं में थोड़ी मुश्किलें हैं, लेकिन छात्रों से अनुरोध है कि वे अपने विश्वविद्यालयों को संपर्क में लगातार बने रहे और अपनी पढ़ाई जारी रखें। 



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रूस और मॉस्को के लगातार संपर्क में भारत सरकार
गाइडलाइंस में बताया गया है कि पाठ्यक्रम को ऑनलाइन मोड में भी चालू रखा गया है। उधर, दिल्ली, कीव और मास्को में सरकार कूटनीतिक संपर्क बना रही है। यूक्रेन में भी भारतीय अधिकारियों की तीन टीमें चौबीसों घंटे संपर्क में हैं। वर्तमान में यूक्रेन के सुमी शहर से भारतीयों को निकाला जा रहा है। आज भी 242 छात्रों को लेकर फ्लाइट भारत पहुंची। गौरतलब है कि यूक्रेन के उत्तर पूर्वी शहर सुमी में करीब 600 छात्र फंसे थे। इस दौरान उनके पास परिवहन की व्यवस्था तक नहीं थी। इसके बाद मोदी सरकार ने रूस और यूक्रेन दोनों देशों से बात कर उन्हें मदद पहुंचाई और बाहर निकाला। बमबारी रुकवाने के बाद इन्हें ह्यूमन कॉरिडोर बनाकर बाहर निकाला गया

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