मीडिया ब्रीफिंग में एस.जयशंकर व एनालेना बेयरबॉक ने बताया कि कश्मीर का मुद्दा भारत-पाकिस्तान के बीच का मसला है। इसमें किसी तीसरे का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
India-Pakistan dialogue: भारत ने विश्व मंच पर यह ऐलान किया है कि वह तबतक पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं कर सकता जबतक कि वह सीमा पार आतंकवाद का समर्थन जारी रखता है। सोमवार को विदेश मंत्री एस.जयशंकर, जर्मनी की अपनी समकक्ष एनालेना बेयरबॉक से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। एस.जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन कर अशांति फैलाने का काम जबतक करता रहेगा, बातचीत नहीं होगी। यह बर्लिन अच्छी तरह से समझता है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर हुई दोनों देशों की चर्चा
भारत और जर्मनी के विदेश मंत्रियों ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान को लेकर व्यापक चर्चा की है। मीडिया ब्रीफिंग में एस.जयशंकर व एनालेना बेयरबॉक ने बताया कि कश्मीर का मुद्दा भारत-पाकिस्तान के बीच का मसला है। इसमें किसी तीसरे का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। एस.जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के संबंध में संबंधों की प्रकृति, सीमापार आतंकवाद सहित अन्य आवश्यक तथ्यों पर बातचीत की गई। पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी संभव है जब वह आतंकवाद का समर्थन करना छोड़ दे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जर्मनी की ओर से सहमति बनी है।
जर्मनी ने अक्टूबर में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर की थी बात
दरअसल, जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ बीते अक्टूबर में प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संभावित भूमिका पर बात होनी चाहिए। हालांकि, जर्मनी के बयान के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
जर्मनी ने फिर यू-टर्न लिया...
भारत की तीखी प्रतिक्रिया के कुछ दिनों बाद ही भारत में जर्मन के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा कि बर्लिन ने कश्मीर पर अपनी राय नहीं बदली है। इस जटिल मुद्दे का हल द्विपक्षीय वार्ता से ही निकल सकता है। इसमें तीसरे का हस्तक्षेप नहीं है। अपनी भारत यात्रा से पहले, बेयरबॉक ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनका मानना है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय विवाद है।
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