पाकिस्तान से समस्या नहीं लेकिन टेररिस्तान से बात नहीं हो सकती : विदेश मंत्री जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को पाकिस्तान से बातचीत में कोई समस्या नहीं है। लेकिन हमें टेररिस्तान से बात करने में समस्या है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिए आतंकियों का एक पूरा की पूरा उद्योग लगा रखा है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 25, 2019 9:53 AM IST

न्यूयॉर्क. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को पाकिस्तान से बातचीत में कोई समस्या नहीं है। लेकिन हमें टेररिस्तान से बात करने में समस्या है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिए आतंकियों का एक पूरा की पूरा उद्योग लगा रखा है।

जयशंकर ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में सांस्कृतिक संगठन एशिया सोसाइटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने कहा, जब भारत ने अनुच्छेद 370 को लेकर फैसला किया और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बनाने का फैसला किया, उस वक्त पाकिस्तान और चीन ने इस पर प्रतिक्रिया दी थी।

जयशंकर ने कहा कि भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन हमें टेररिस्तान से बात करने में समस्या है और उन्हें सिर्फ पाकिस्तान बने रहना होगा, दूसरा नहीं। जयशंकर ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत की बाह्य सीमाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है। चीन पर उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, चीन ने उसे गलत समझा।

'हमने सीमाओं में रहकर सुधार किया'
जयशंकर ने कहा, ''हमनेअपनी मौजूदा सीमाओं में रहकर सुधार किया है। जाहिर तौर पर पाकिस्तान और चीन से प्रतिक्रियाएं आईं। दोनों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग थीं। मुझे लगता है कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिए आतंकवाद के उद्योग को खड़ा कर दिया। मेरी राय में यह वाकई में कश्मीर से बहुत बड़ा मुद्दा है और मुझे लगता है कि उन्होंने इसे भारत के लिए बनाया है।''

जयशंकर से जब यह पूछा गया कि पाकिस्तान ने इस पर काफी कुछ कहा है और उन्हें क्या लगता है कि पाकिस्तान क्या करेगा, इस पर उन्होंने कहा कि यह कश्मीर का मुद्दा नहीं है बल्कि उससे कहीं बड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान को इसे स्वीकार करना होगा कि उसने जो मॉडल अपने लिए बनाया है वह लंबे समय तक काम नहीं करने वाला है। मुझे लगता है कि आज के समय में शासन के एक वैध साधन के रूप में आप आतंकवाद का इस्तेमाल करते हुए ऐसी नीतियां नहीं बना सकते हैं।''

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