सत्र के दौरान ऑटोमोटिव उद्योग में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के भविष्य और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के विकास व क्रांति पर चर्चा हुई।
Insight The DNA of Success: सद्गुरु एकेडमी के ‘इनसाइट: द डीएनए ऑफ सक्सेस’ प्रोग्राम के 12वें संस्करण के दूसरे दिन शनिवार को सद्गुरु और OLA के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने काफी महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की। सत्र के दौरान ऑटोमोटिव उद्योग में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के भविष्य और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के विकास व क्रांति पर चर्चा हुई। बातचीत में इस बार पर जोर दिया कि एआई सांस्कृतिक समावेशन के लिए एक बहुत मजबूत ताकत बन सकता है। कहा कि AI को हमें आम आदमी के लिए भारतीय भाषाओं के डेटा से तैयार करना चाहिए।
सद्गुरु ने कहा कि हालांकि यह मनुष्य के लिए मानव होने के अर्थ की पूरी गहराई खोजने का एक अच्छा समय है लेकिन अगर मनुष्य 'अपने अंदर कैसे रहें' यह नहीं सीखता तो यह मानवता के लिए यह सबसे बड़ी परीक्षा का समय भी साबित हो सकता है। खासकर ऐसे समय में जब जीवित रहने की जरूरतें मशीनों को आउटसोर्स कर दी गई हैं।
सद्गुरु ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) तकनीक लोगों की कल्पना से भी ज्यादा तेजी से बढ़ेगी। अगर ये प्रौद्योगिकी आने पर आपके काम की जरूरत नहीं रहती, और ऐसे समय में अगर आप जानते हैं कि अपने अंदर कैसे रहे तो यह सौभाग्य से भरा समय हो सकता है। हालांकि, अभी ज्यादातर लोग इस बात से चिंतित हैं कि एआई उनकी नौकरियां छीन लेगी।
उन्होंने कहा कि अगर मनुष्य इसी तरह बाध्यकारी मानवीय गतिविधियों की स्थिति में रहा, तो अगले 15-25 वर्षों में मानसिक रूप से स्वस्थ रहना सबसे बड़ी चुनौती होगी। 25-50 साल के समय में, शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना भी एक बड़ी चुनौती बन जाएगी। स्वास्थ्य अब एक प्राकृतिक प्रक्रिया नहीं रह गई है क्योंकि इसके मूल सिद्धांतों को छीना जा रहा है। सद्गुरु ने मिट्टी के स्वास्थ्य में चिंताजनक गिरावट का जिक्र करते हुए कहा कि फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्व बहुत कम हो गए हैं जो मानव स्वास्थ्य और भलाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
भाविश अग्रवाल ने EV क्षेत्र में उद्यमिता के लिए विस्फोटक अवसरों और नए एआई व्यापार मॉडल के बारे में बात की जो उत्पाद और सेवा वितरण में क्रांति ला सकते हैं और भारत में बदलाव का नेतृत्व कर सकते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट ओला अपने पास 100% महिला कार्यबल होने का दावा करती है जो प्रति दिन दस लाख यूनिट का उत्पादन करती है। अब इस कंपनी की नज़र भारत की सबसे बड़ी गीगाफैक्ट्री बनाने पर है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के अंदर हमारे स्कूटर प्लांट के बगल में हम एक सौ गीगावाट का प्लांट स्थापित करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने लीथियम बैटरी के खनन और विनिर्माण में नई विकसित अत्याधुनिक तकनीकों के बारे में बात की जो एक दिन विमान उड़ाने में भी सक्षम होंगी।
ओला कंपनी के संस्थापक ने कहा कि ईवी में बैटरी के लिए 100 वाट घंटा प्रति किलोग्राम आज प्रति किलोग्राम ऊर्जा है। चीन, विशेष रूप से जापान, अमेरिका, यहां तक कि यूरोप - इन चार आर्थिक क्षेत्रों में प्रति किलोग्राम 400 से 500 सौ वॉट घंटा तक पहुंचने पर काम हो रहा है और जब ऐसा हो जाएगा, तो आप इलेक्ट्रिक तकनीक से एक वाणिज्यिक विमान भी उड़ा सकेंगे।
भाविश ने कहा कि हम उद्यमियों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम एआई के लिए एक ऐसा भारतीय मॉडल बनाएं जो भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र और अर्थव्यवस्था के अनुकूल हो। एआई सांस्कृतिक समावेशन के लिए बहुत मजबूत शक्ति की तरह काम कर सकता है। आज के एआई को इंटरनेट पर उस डेटा से विकसित किया गया है जो काफी हद तक गैर-भारतीय है। हमारी अधिकांश भारतीय भाषाएं इंटरनेट पर नहीं हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास हमारी सभी भारतीय भाषाओं में पर्याप्त डेटा हो जिससे देश में एआई को आम आदमी के दैनिक उपयोग के लिए तैयार किया जा सके।
इनसाइट कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं में विनीता हेल्थ और ट्रेसा मोटर्स के अध्यक्ष विनोद के दासारी शामिल थे। उन्होंने इस बात पर प्रेरणादायक भाषण दिया कि कैसे एक लीडर परीक्षणों और असफलताओं के बीच प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर सकता है।
उद्यमियों के लिए एक प्रेरक संदेश में विनोद के दासारी ने कहा कि एक औसत कंपनी अपने कर्मचारियों के हाथों का उपयोग करती है। एक अच्छी कंपनी अपने कर्मचारियों के दिमाग का और एक महान कंपनी अपने कर्मचारियों के दिल का उपयोग करती है। कैरेटलेन के संस्थापक मिथुन सचेती ने ऑनलाइन आभूषण मार्केटिंग व्यवसाय बनाने की अपनी प्रेरणादायक यात्रा साझा की।
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