
नई दिल्ली। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर शाही स्नान के समय महाकुंभ मेला में भगदड़ (MahaKumbh Mela stampede) मची थी। इसके चलते 30 लोगों की मौत हुई। इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों द्वारा केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। मंगलवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया।
बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने महाकुंभ में मची भगदड़ में मारे गए लोगों के आधिकारिक आंकड़े जारी करने की मांग की। भाजपा पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि यूपी सरकार मरने वालों की सही संख्या छिपा रही है।
अखिलेश यादव ने कहा, "जहां सरकार बजट के आंकड़े लगातार दे रही है। आंकड़े देने से पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे दें। महाकुंभ में व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए मेरी मांग है कि सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन व खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ हादसे के शिकार लोगों की मृत्यु, घायलों का इलाज, दवाएं, डॉक्टर, भोजन, पानी और परिवहन की उपलब्धता का आंकड़ा संसद में पेश किया जाए।"
सपा प्रमुख ने कहा, "महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई हो, जिन्होंने सच छिपाया है उन्हें दंडित किया जाए। हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं, अगर अपराधबोध नहीं था तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्यों गए हैं? सच छिपाना और मिटाना भी अपराध है। इसका दंड कौन भुगतेगा। जहां इंतजाम होना था वहां प्रचार हो रहा था।"
अखिलेश यादव ने कहा, "जब ये जानकारी हो गई कि कुछ लोगों की जान चली गई। लाशें मुर्दाघर, अस्पताल में पड़ी हैं। उसके बाद सरकार ने हेलीकॉप्टर में फूल भरकर डाला। ये कहां की सनातनी परंपरा है?"