संचार साथी ऐप क्या है? सरकार हर मोबाइल में इसे क्यों करना चाहती है इंस्टाल?

Published : Dec 02, 2025, 10:29 AM IST
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सार

Sanchar Saathi App: भारत सरकार ने सभी नए मोबाइल फोनों में संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य किया है। DoT के निर्देशों के तहत यह ऐप IMEI वेरिफिकेशन, फ्रॉड रिपोर्टिंग, चोरी हुए फोन की शिकायत और मोबाइल सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए बनाया गया है। 

नई दिल्ली। भारत में मोबाइल फ्रॉड और नकली फोन की बढ़ती समस्या को देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकॉम (DoT) ने यह साफ कर दिया है कि अगले 90 दिनों के भीतर देश में बनने वाले या बाहर से आने वाले हर नए मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल होना जरूरी है। यह ऐप यूज़र्स को IMEI वेरिफिकेशन, चोरी हुए फोन की शिकायत और धोखाधड़ी वाली कॉल की रिपोर्ट करने जैसी सुविधाएं देता है। सरकार का साफ कहना है कि यह कदम मोबाइल सुरक्षा को मजबूत बनाने और फर्जी IMEI के बड़े नेटवर्क पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है।

क्या है संचार साथी ऐप और यह आपकी कैसे मदद करेगा?

संचार साथी ऐप मोबाइल फोन की पहचान यानी IMEI की जांच करने का एक आसान तरीका है। इस ऐप से यूज़र यह पता कर सकते हैं कि उनका फोन असली है या कहीं वह ब्लैकलिस्टेड या चोरी हुआ तो नहीं। ऐप के जरिए आप धोखेबाज़ कॉल, फर्जी मैसेज या किसी भी तरह की संदिग्ध मोबाइल एक्टिविटी की रिपोर्ट भी कर सकते हैं। सरकार का मानना है कि यह ऐप आम लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा, क्योंकि हर साल हजारों लोग चोरी या फर्जी IMEI फोन खरीदकर साइबर अपराधों के शिकार हो जाते हैं।

हर मोबाइल में प्री-इंस्टॉल क्यों? क्या बाजार में नकली फोन बढ़ गए हैं?

भारत में सेकंड-हैंड स्मार्टफोन का बड़ा कारोबार है। कई बार चोरी हुए फोन या ब्लैकलिस्टेड डिवाइस नए IMEI डालकर खुलेआम बेचे जाते हैं। यह न सिर्फ खरीदार के लिए खतरनाक है, बल्कि कई बार ऐसे फोन अपराधों में भी इस्तेमाल होते हैं। DoT ने बताया कि कई मामलों में एक ही IMEI नंबर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग मोबाइल पर एक्टिव मिलता है, जिससे जांच मुश्किल हो जाती है। संचार साथी ऐप इसी समस्या को खत्म करने का सबसे आसान तरीका माना जा रहा है।

IMEI नंबर से छेड़छाड़ अपराध है, अब सजा और भी सख्त क्यों हुई?

सरकार ने साफ कहा है कि 15-अंकों वाले IMEI नंबर के साथ छेड़छाड़ करना अब गंभीर अपराध है। टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 के तहत इसके लिए तीन साल की जेल, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों की सजा हो सकती है। संचार साथी ऐप इस तरह के मामलों की पहचान तेज़ी से करने में मदद करेगा, जिससे गलत IMEI वाले फोन तुरंत ब्लॉक किए जा सकें।

क्या WhatsApp और अन्य ऐप्स पर भी नए नियम लागू होंगे?

पिछले हफ्ते सरकार ने WhatsApp, Signal, Telegram जैसी ऐप-बेस्ड कम्युनिकेशन सर्विस पर भी नए नियम लागू किए हैं। अब इन ऐप्स को एक्टिव SIM कार्ड से लगातार जुड़ा रहना होगा। साथ ही, वेब वर्ज़न को हर छह घंटे में ऑटो-लॉगआउट करना जरूरी होगा। कंपनियों को 120 दिनों में अपनी कम्प्लायंस रिपोर्ट DoT को देनी होगी।

क्या इन नए नियमों से आपका मोबाइल और ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा?

DoT का दावा है कि इसका मकसद देश में नकली मोबाइल फोन, फर्जी IMEI और साइबर फ्रॉड के तेजी से बढ़ते मामलों पर लगाम लगाना है। संचार साथी ऐप आने वाले समय में आम यूज़र को मोबाइल सुरक्षा पर कहीं ज्यादा नियंत्रण देगा। सरकार चाहती है कि लोग फर्जी फोन न खरीदें, फ्रॉड तुरंत रिपोर्ट कर सकें, और मोबाइल चोरी जैसे अपराधों पर रोक लगे।

 

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