तिहाड़ जेल के अधिवक्ता अभिजीत सरकार ने बताया कि जेल में किसी भी कैदी के लिए ड्राइफ्रूट्स का कोई परमिशन नहीं है। रेगुलर मील की जगह अल्टरनेटिव मील उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। हालांकि, अगर कोई मेडिकल अफसर ड्राइफ्रूट्स को किसी कैदी के लिए प्रेसक्राइब करता है तो उसे एक निश्चित अवधि के लिए उपलब्ध कराई जा सकती है।
Satyendar Jain plea for special food: मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री डॉ.सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। डॉ. जैन ने जेल में स्पेशल खाने की परमिशन कोर्ट से मांगी थी लेकिन कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर दिया है। डॉ.सत्येंद्र जैन ने अपनी धार्मिक आस्था के अनुरूप भोजन की मांग की थी लेकिन उनकी मांग को नहीं माना गया है। विशेष जज विकास ढुल ने शनिवार को उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद मंत्री डॉ.सत्येंद्र जैन ने अपनी धार्मिक आस्था के अनुसार जेल में रहते हुए उपवास आदि रखने के दौरान स्पेशल फूड यानी ड्राइफ्रूट्स आदि की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने स्पेशल कोर्ट में गुहार लगाई थी लेकिन कोर्ट में तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से बताया गया कि जेल के एसपी ऑफिस में जैन के व्रत या उपवास रखने संबंधी कोई जानकारी नहीं है न ही स्पेशल खान पान की व्यवस्था के संबंध में कोई अनुरोध है। इसलिए उनको विशेष खाना या ड्राइफ्रूट्स आदि की व्यवस्था करने या परमिशन देने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
कोर्ट के सामने क्या बताया तिहाड़ के अधिवक्ता ने?
तिहाड़ जेल के अधिवक्ता अभिजीत सरकार ने बताया कि जेल में किसी भी कैदी के लिए ड्राइफ्रूट्स का कोई परमिशन नहीं है। रेगुलर मील की जगह अल्टरनेटिव मील उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। हालांकि, अगर कोई मेडिकल अफसर ड्राइफ्रूट्स को किसी कैदी के लिए प्रेसक्राइब करता है तो उसे एक निश्चित अवधि के लिए उपलब्ध कराई जा सकती है। जेल अथॉरिटी पहले से ही बैलेंस्ड और न्यूट्रिशनल डाइट समान रूप से भी कैदियों को बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध कराता है।