येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर पहुंचे; एसबीआई ने शेयर खरीदने की इच्छा जताई

Published : Mar 07, 2020, 11:12 AM ISTUpdated : Mar 07, 2020, 01:21 PM IST
येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर पहुंचे; एसबीआई ने शेयर खरीदने की इच्छा जताई

सार

संकट में जूझ रही येस बैंक को अब भारतीय स्टेट बैंक का सहारा है। दरअसल, एसबीआई ने येस बैंक में निवेश करने की इच्छा जताई है। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, कानूनी प्रावधानों के चलते एसबीआई येस बैंक के 49% शेयर खरीद सकती है। 

नई दिल्ली. संकट में जूझ रही येस बैंक को अब भारतीय स्टेट बैंक का सहारा है। दरअसल, एसबीआई ने येस बैंक में निवेश करने की इच्छा जताई है। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, कानूनी प्रावधानों के चलते एसबीआई येस बैंक के 49% शेयर खरीद सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा, लीगल टीम निवेश की योजना पर काम कर रही है। उधर, प्रवर्तन निदेशालय के समन के बाद येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर ईडी के दफ्तर पहुंचे। यहां उनसे पूछताछ होगी।

रजनीश कुमार ने कहा, हमें येस बैंक को रिकंस्ट्रक्ट करने का प्लान मिला है। हम इस पर विचार कर रहे हैं। हमारी लीगल टीम और निवेशक इस प्लान को देख रहे हैं। उन्होंने कहा, एसबीआई येस बैंक में 2450 करोड़ रुपए का निवेश कर सकती है। हालांकि, उन्होंने कहा, अंतिम फैसला एसबीआई का बोर्ड ही लेगा।

'खाताधारकों को कोई खतरा नहीं'
एसबीआई चेयरमैन ने कहा, बैंक के खाताधारकों को कोई खतरा नहीं है। जल्द ही सभी ग्राहकों का संकट दूर किया जाएगा।

क्यों संकट में फंसा यस बैंक?
वित्त मंत्री ने कहा कि यह अचानक आया संकट नहीं है, बल्कि साल 2017 से ही इसपर निगरानी है। उन्होंने कहा, यस बैंक ने गलत लोगों को कर्ज दिया। सितंबर 2018 में बैंक ने इसके बोर्ड को बदलने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि बैंक ने लोन बांटने में लापरवाही की। इसी कारण आज बैंक की यह हालत हुई।

भारत में यस बैंक की कितने ब्रांच?
भारत में यस बैंक के 1000 से ज्यादा ब्रांच हैं और 1800 एटीएम हैं। बैंक की शुरुआत 2004 में राणा कपूर ने अपने रिश्तेदार अशोक कपूर के साथ मिलकर की। 26/11 के मुंबई हमले (2011) में अशोक कपूर की मौत हो गई। इसके बाद से ही बैंक के मालिकाना हक लेकर विवाद की शुरुआत हुई। अशोक कपूर की मौत के बाद उनकी पत्नी मधु कपूर और राणा कपूर के बीच विवाद शुरू हो गया। मधु कपूर अपनी बेटी के लिए बोर्ड में जगह चाहती थीं। मामला कोर्ट पहुंचा और राणा कपूर की जीत हुई।

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