कोयला घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने विशेष लोक अभियोजक का नाम सुझाने के लिए केंद्र को 10 फरवरी तक का वक्त दिया

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि कोयला खदान घोटाले में धन शोधन मामलों से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय के मुकदमों में एक विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने के लिए 10 फरवरी तक वकीलों के नाम सुझाए।

Asianet News Hindi | Published : Feb 7, 2020 8:22 AM IST

नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि कोयला खदान घोटाले में धन शोधन मामलों से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय के मुकदमों में एक विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने के लिए 10 फरवरी तक वकीलों के नाम सुझाए।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस चीमा की याचिका पर विचार कर रही है, जो धन शोधन के मामलों में अभियोजक के पद से मुक्त होना चाहते हैं।

2014 में चीमा को एसपीपी नियुक्त किया

शीर्ष न्यायालय ने चीमा को 2014 में कोयला खदान घोटाले मामलों में विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी)  नियुक्त किया था।

पीठ केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के इस सुझाव से सहमत नहीं हुई कि पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह को कोयला घोटाला मामलों से जुड़े ईडी के मामलों में मुकदमे चलाने के लिए विशेष अभियोजक नियुक्त किया जाए।

हमें निचली अदालत का वकील चाहिए

पीठ ने कहा, "हमें निचली अदालत का वकील चाहिए जो मुकदमें चलाता रहा हो।" पीठ ने कहा कि चीमा द्वारा सुझाए गए "अन्य वकील" का नाम अधिक उपयुक्त लगता है।

सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि चीमा ने वकील सतीश टमटा के नाम का सुझाव दिया है।

न्यायालय ने कहा
न्यायालय ने कहा, "दूसरा नाम अधिक उपयुक्त लगता है।" उसने केंद्र को इस संबंध में नाम सुझाने के लिए 10 फरवरी तक का वक्त दिया। न्यायालय ने कहा कि पीठ इस संबंध में फिर सुनवाई नहीं करेगी।

आर एस चीमा ने कहा
 

चीमा ने कहा था कि वह कोयला घोटाला मामलों में सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बने रहना चाहेंगे लेकिन धन शोधन से संबंधित मामलों में एसपीपी नहीं रहना चाहते क्योंकि ऐसे मामलों में उनकी मदद करने के लिए विधि अधिकारियों की कमी है।

शीर्ष न्यायालय ने नौ दिसंबर को सॉलिसिटर जनरल और चीमा से उस वकील का नाम बताने के लिए कहा था जिसे ईडी के मामलों के लिए एसपीपी नियुक्त किया जा सकता है।

उच्चतम न्यायालय ने पहले सीबीआई और ईडी से कोयला खदान आवंटन घोटाले के मामलों में जांच तथा मुकदमे की स्थिति के बारे में पूछा था।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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