कोरोना को देखते हुए उत्तर प्रदेश ने इस साल कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है, लेकिन केरल सरकार द्वारा ईद पर छूट दिए जाने से बवाल मचने के आसार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी केरल सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा है। कांग्रेस पहले ही यह मुद्दा उठा चुकी है।
नई दिल्ली. काेरोना के सबसे अधिक केस सामने आने के बाद भी केरल सरकार द्वारा ईद पर छूट दिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा है। कांग्रेस पहले ही यह मुद्दा उठा चुकी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी केरल में बकरीद मनाने पर रोक नहीं लगाई है, पर इस मामले में 20 जुलाई को फिर सुनवाई होगी। इधर, कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार कांवड़ा यात्रा रद्द कर दी है। यूपी के वकील वैद्यानाथन ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इसकी जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव(सूचना) नवनीत सहगल ने शनिवार का इस बारे में बताया था। बता दें कि कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस बयान को रिकॉर्ड में लिया कि उसने इस साल कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला किया है और COVID-19 के बीच कांवड़ यात्रा आयोजित करने के यूपी के फैसले के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले को बंद कर दिया है।
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केरल में ईद पर छूट को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त
सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार द्वारा ईद पर छूट दिए जाने को लेकर सख्ती दिखाई है। SC ने ईद-उल-अजहा (बकरीद) से पहले प्रतिबंधों में ढील देने के अपने फैसले के खिलाफ याचिका पर केरल सरकार से जवाब मांगा है। बता दें कि राज्य में COVID-19 मामलों और परीक्षण सकारात्मकता दर में वृद्धि देखी जा रही है। पिछले 24 घंटे में देश में 38 हजार से अधिक नये केस मिले। इनमें सबसे अधिक 13 हजार केरल में, जबकि 9000 महाराष्ट्र में मिले। देश में बीते दिन 500 के करीब मौतें हुईं, जिनमें केरल में 81, जबकि महाराष्ट्र में 180 मौतें शामिल हैं। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 5700 के करीब रिकवर हुए, जबकि केरल में 13 हजार के करीब। केरल में इस समय 1.25 लाख एक्टिव केस हैं, जबकि महाराष्ट्र में 1.03 लाख।
कांग्रेस नेता ने भी केरल सरकार पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बकरीद के कारण तीन दिन प्रतिबंधों पर ढील देने के केरल के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा था कि कोरोनाकाल में कांवड़ यात्रा गलत है, तो बकरा ईद भी पब्लिक सेलिब्रेशन है।