Haridwar Mahakumbh 2021: दूसरे शाही स्नान में उमड़ी भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में पुलिस नाकाम

उत्तराखंड के हरिद्वार में 1 अप्रैल से शुरू हुए महाकुंभ में 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर दूसरा शाही स्नान हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में अखाड़ों के साधु-संतों के साथ आमजनों ने गंगा में डुबकी लगाई। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर यहां कड़े इंतजाम किए गए है, लेकिन पुलिस लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में नाकाम साबित हुई। पुलिस अफसरों ने माना कि अगर वे लोगों से सख्ती से पेश आएंगे, तो भगदड़ की स्थिति हो सकती है। महाकुंभ 30 अप्रैल तक चलेगा।

Asianet News Hindi | Published : Apr 12, 2021 2:37 AM IST / Updated: Apr 12 2021, 12:12 PM IST

हरिद्वार, उत्तराखंड. यहां 1 से 30 अप्रैल तक चल रहे महाकुंभ में सोमवार को सोमवती अमावस्या पर कुंभ का दूसरा, जबकि अप्रैल महीने का पहला शाही स्नान हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में अखाड़ों के साधु-संतों के साथ आमजनों ने गंगा में डुबकी लगाई। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर यहां कड़े इंतजाम किए गए है, लेकिन पुलिस लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में नाकाम साबित हुई। पुलिस अफसरों ने माना कि अगर वे लोगों से सख्ती से पेश आएंगे, तो भगदड़ की स्थिति हो सकती है। पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि के मौके पर 11 मार्च को हुआ था। शाही स्नान से एक दिन पहले उत्तराखंड में कोरोना के 1,333 नए केस सामने आए जबकि 8 लोगों की मौत हो गई। देहरादून में 582, हरिद्वार में 386, नैनीताल में 122 कोरोना के नए केस मिले। रविवार को हर की पौड़ी में 9 पॉजिटिव मिले थे।

पुलिस ने कहा, बहुत मुश्किल...
कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने कहा-' हम लोगों लगातार COVID गाइड लाइन का पालन करने की अपील कर रहे हैं। लेकिन भारी भीड़ के कारण व्यावहारिक रूप से ऐसा संभव नहीं है। घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करना बहुत मुश्किल है। अगर हम ऐसा करने के लि दवाब डालेंगे, तो भगदड़ की स्थिति मच जाएगी। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा-हमारा पूरा प्रयास है कि जहां तक संभव है कोरोना की गाइडलाइन का पालन कराया जा सके। सुरक्षा की दृष्टि से भी उत्तराखंड पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती है। कोविड की वजह से जितने लोगों के आने की संभावना थी उसके 50% लोग आए हैं।

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यह भी जानें...
कहते हैं कि महाकुंभ में शाही स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। हर तरह की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यही वजह है कि शाही स्नान का अधिक महत्व है। महाकुंभ में अप्रैल में तीन शाही स्नान होंगे। दूसरा शाही स्नान- 14 अप्रैल को मेष संक्रांति बैसाखी के दिन, जबकि तीसरा शाही स्नान- 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा के दिन होगा।

 

 

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