सुपर कॉप विजय कुमार का गृह मंत्रालय से इस्तीफा, Delhi से लौटे चेन्नई, वीरप्पन को मारकर सुर्खियों में आए थे

गृह मंत्रालय के सीनियर सिक्योरिटी एडवाइजर रहे के.विजय कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान सहयोग के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, गृह मंत्रालय के अधिकारियों, राज्यों के पुलिस प्रमुखों को उनके पूरे कार्यकाल में सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया।

Dheerendra Gopal | Published : Oct 15, 2022 7:34 PM IST

Super Cop K.Vijay Kumar resigned as MHA security advisor: चंदन किंग वीरप्पन को खत्म करने वाली टीम के लीडर सीनियर आईपीएस के.विजय कुमार ने गृह मंत्रालय के सीनियर सिक्योरिटी एडवाइजर के पद से इस्तीफा दे दिया है। सुपर कॉप ने अपने इस्तीफे की वजह व्यक्तिगत वजहों को बताया है। दिल्ली में सरकारी आवास को खाली कर वह चेन्नई आ गए हैं। मीडिया से बातचीत में के.विजय कुमार ने बताया कि गृहमंत्रालय से अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद वह चेन्नई वापस आने का फैसला किए हैं। श्री कुमार ज्यादातर जम्मू-कश्मीर के अलावा वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के मुद्दों पर सरकार को सलाह दे रहे थे।

पीएम से लेकर गृहमंत्री तक का जताया आभार

गृह मंत्रालय के सीनियर सिक्योरिटी एडवाइजर रहे के.विजय कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान सहयोग के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, गृह मंत्रालय के अधिकारियों, राज्यों के पुलिस प्रमुखों को उनके पूरे कार्यकाल में सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया।

रिटायर होने के बाद गृह मंत्रालय में मिली नियुक्ति

1975-बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी विजय कुमार 2012 में सर्विस से रिटायर हुए थे। सीआरपीएफ के महानिदेशक के रूप में सेवा तैनाती के दौरान वह रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के बाद उनको गृह मंत्रालय में सीनियर सिक्योरिटी ऑफिसर के रूप तैनाती मिल गई। यहां के बाद वह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार के रूप में काफी दिनों तक कार्य करते रहे। 2019 में गृह मंत्रालय में उनकी दुबारा वापसी सीनियर सिक्योरिटी एडवाइजर के रूप में हुई। विजय कुमार ने एसटीएफ, चेन्नई पुलिस के आयुक्त और कश्मीर में बीएसएफ के महानिरीक्षक के रूप में काम किया है। चंदन किंग वीरप्पन जब सरकार के लिए सिरदर्द बन गया तो उसके शिकार का काम के.विजय कुमार को सौंपा गया। विजय कुमार की टीम के एक ऑपरेशन में साल 2004 में वीरप्पन मारा गया।

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