परमबीर को घेरने के लिए सरकार ने दी आईपीएस संजय पांडेय को बड़ी जिम्मेदारी

महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस महकमा में महत्वपूर्ण फेरबदल कर दिए हैं। कई साल के बाद राज्य के सीनियर आईपीएस संजय पांडेय को एडिशनल एडीजी के रूप में तैनाती की है। आईपीएस संजय पांडेय अगले साल रिटायर होने वाले हैं। वह मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के कट्टर प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं। 

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस महकमा में महत्वपूर्ण फेरबदल कर दिए हैं। कई साल के बाद राज्य के सीनियर आईपीएस संजय पांडेय को एडिशनल एडीजी के रूप में तैनाती की है। आईपीएस संजय पांडेय अगले साल रिटायर होने वाले हैं। वह मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के कट्टर प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं। पांडेय ने परमबीर सिंह पर एडीजी देवेन भारती केस में गवाहों को धमकाने व जांच में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया था। लेकिन उद्धव सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया था। अब अचानक से उनकी तैनाती से माना जा रहा है कि परमबीर सिंह को घेरने की तैयारी चल रही है। 

सरकार के खिलाफ संजय पांडेय भी गए थे कोर्ट

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आईपीएस संजय पांडेय को पिछले महीने ही सिक्योरिटी फोर्स में ट्रांसफर कर दिया गया था। ट्रांसफर से नाराज संजय पांडेय हाईकोर्ट गए थे। साथ ही 20 दिन की छुट्टी ले ली थी। इसके बाद मामला बोर्ड में चला गया था। लेकिन अचानक से संजय पांडेय ने इस मामले का फाॅलोअप करना छोड़ दिया। माना जा रहा है कि सरकार और आईपीएस संजय पांडेय में कुछ समझौता हो गया था।

सरकार को चिट्ठी लिखकर परमबीर सिंह पर लगाया था आरोप

सीनियर आईपीएस संजय पांडेय ने ट्रांसफर होने के बाद उद्धव सरकार को चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में उन्होंने परमबीर सिंह पर आरोप लगाया था। आरोप लगाया था कि एडीजी देवेन भारती केस में परमबीर गवाहों को धमकी दी थी। एडिशनल सेक्रेटरी ने जांच को रुकवा दी थी। उन्होंने चिट्ठी में बताया था कि गृहमंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने भारती की जांच का आदेश दिया था। उन्होंने जांच रिपोर्ट जब सौंपी तो शरद पवार से लेकर अधिकतर जिम्मेदारों ने इसकी तारीफ की थी। लेकिन परमबीर सिंह व एडिशन सेक्रेटरी ने जांच रुकवा दी थी। 

1 अप्रैल को सरकार ने दिया था जांच का आदेश

उद्धव सरकार ने 1 अप्रैल को परमबीर सिंह की जांच का आदेश आईपीएस संजय पांडेय को सौंपा था। यह जांच तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने दिया था। सूत्रों के अनुसार जांच रिपोर्ट परमबीर सिंह के खिलाफ आने पर उनको सस्पेंड किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि परमबीर सिंह के खिलाफ जांच के लिए संजय पांडेय को इसीलिए लगाया जा रहा है कि दोनों घोर विरोधी हैं। 

सचिन वझे की सीधी रिपोर्टिंग परमबीर सिंह को

सस्पेंड चल रहे एपीआई सचिन वझे की सीधी रिपोर्टिंग तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को थी। मुकेश अंबानी की सुरक्षा के मामले में एनआईए द्वारा गिरफ्तार वझे ने कैसे गलत काम किया और इस मामले में सीधी रिपोर्टिंग परमबीर सिंह को होने के बाद उन्होंने क्या एक्शन लिया था, इस बात की जांच की जा रही है। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अंबानी के संबंध में जो जानकारी परमबीर सिंह ने दी थी, उसके तथ्यों की भी जांच की जा रही है।

परमबीर सिंह ने ही वझे को विभाग में लाया था वापस

24 मार्च  को मुंबई पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध शाखा मिलिंद भारबे ने गृहमंत्री को रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि वझे को पुलिस विभाग में रखने का निर्णय परमबीर सिंह का था। जबकि संयुक्त पुलिस आयुक्त की राय विपरीत थी। माना जा रहा है कि दोनों के बीच इस कड़ी से संबंध जोड़ा जा सकता है।


 

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