भारत और चीन के बीच शुक्रवार को 11वें दौर की बातचीत हुई। इस दौरान पूर्वी लद्दाख में LAC पर डिसइंगेजमेंट समेत बाकी विवादित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने पर सहमति बनी। यह जानकारी भारतीय रक्षा मंत्रालय ने दी। दोनों देशों के बीच कॉर्प्स कमांडर्स स्तर की बैठक भारतीय क्षेत्र में चुंशूल में हुई।
नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच शुक्रवार को 11वें दौर की बातचीत हुई। इस दौरान पूर्वी लद्दाख में LAC पर डिसइंगेजमेंट समेत बाकी विवादित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने पर सहमति बनी। यह जानकारी भारतीय रक्षा मंत्रालय ने दी। दोनों देशों के बीच कॉर्प्स कमांडर्स स्तर की बैठक भारतीय क्षेत्र में चुंशूल में हुई।
रक्षा मंत्रालय ने बताया, दोनों पक्षों के बीच मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल मुताबिक, बाकी मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की। इसके अलावा बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि डिसइंगेजमेंट से इलाके में दोनों पक्षों के बीच बलों की कमी पर विचार करने पर बात बनेगी और द्विपक्षीय संबंधों में शांति की बहाली भी सुनिश्चित होगी।
जारी रहेगी बातचीत
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि अपने नेताओं की सर्वसम्मति से मार्गदर्शन लेना अहम था, इसके अलावा संचार को जारी रखना और शेष मुद्दों के स्वीकार्य समाधान के लिए जल्द से जल्द काम करना होगा। इसके अलावा दोनों पक्ष जमीन पर स्थिरता, शांति बनाए रखने और बॉर्डर क्षेत्र में किसी भी घटना के ना होने पर भी सहमिति बनी।
9वें दौर की बातचीत के बाद दोनों सेनाएं हटी थीं पीछे
भारत और चीन की सेनाएं पिछले साल मई से आमने सामने हैं। इस साल फरवरी में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था। इसके मुताबिक, पैंगोंग में चीन की सेना फिंगर 8 के पूर्व में अपनी पहले की स्थिति में लौट गई है। जबकि भारत की सेना फिंगर 3 के पास अपनी स्थाई पोस्ट धन सिंह पर लौट आई। इन क्षेत्रों से सेना हटने के बाद विवादित गोगरा, हॉट स्प्रिंग, गलवान और देपसांग पर विवाद अभी भी बना हुआ है। इन मुद्दों पर 10वें दौर की बैठक में बात नहीं बनी थी।
पिछले साल मई से जारी है विवाद
दोनों देशों के बीच पिछले साल 5 मई को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक संघर्ष के बाद सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था। इसके बाद 15 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। गलवान में हुई इस हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। बताया जाता है कि इस झड़प में चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए। लेकिन चीन ने आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया। लेकिन बाद में चीन ने 4 सैनिकों की मौत की बात स्वीकारी थी।