अलगाववादी नेता गिलानी के निधन पर पााकिस्तान में एक दिन का राजकीय शोक; कांग्रेस ने बताया एक जिहादी एजेंट

जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता(Separatist leader) 92 वर्षीय सैयद अली शाह गिलानी का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। उन पर आतंकियों के प्रति नरम रुख रखने और पाकिस्तान से फंडिंग का भी आरोप था।

श्रीनगर. भारत विरोधी बयानों से विवादों में रहने वाले जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता(Separatist leader) 92 वर्षीय सैयद अली शाह गिलानी का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। तहरीक-ए-हुर्रियत नेता गिलानी ने 92 साल की उम्र में श्रीनगर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर उनके निधन पर संवेदना जताई है। गिलानी को पाकिस्तान परस्त नेता माना जाता था। वे आतंकवादियों के समर्थक भी थे। पाकिस्तान से फंडिंग के मामले की जांच के चलते उनका पासपोर्ट रद्द कर दिय गया था। NIA और ED ने टेरर फंडिंग के मामले में जांच की थी। फिलहाल, घाटी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

ttps://t.co/40TpVwzoQ8

Latest Videos

पाकिस्तान ने किया एक दिन के राजकीय शो का ऐलान
गिलानी के निधन पर पाकिस्तान सरकार ने एक दिन का राजकीय शोक रखा है। इसे लेकर कांग्रेस ने इमरान सरकार को आड़े हाथ ले लिया। गिलानी के निधन पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने tweet करके कहा कि कश्मीर स्वतंत्रता आंदोलन के मशाल वाहक सैयद अली शाह गिलानी के निधन पर पाकिस्तान शोक जताता है। उनकी आजादी का सपना साकार हो। इसके जवाब में कांग्रेस के सीनियर लीडर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मिस्टर कुरैशी! हकीकत में आपने जिहाद के नाम पर निर्दोष कश्मीरियों को कट्टरपंथी बनाने के लिए भारत में काम कर रही अपनी खुफिया एजेंसी के एक एजेंट को खो दिया। 

लंबे समय से राजनीति से अलग-थलग पड़े थे
गिलानी ने बुधवार रात करीब 10.30 बजे अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उन्हें सीने में जकड़न के चलते सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उनके निधन पर महबूबा मुफ्ती ने tweet करके लिखा कि गिलानी के निधन की खबर सुनकर वे दु:खी हैं। कई मामलों में वे एक-दूसरे से सहमत नहीं थे, लेकिन वे जिस मजबूती और विश्वास से खड़े रहते थे, उससे वे उनका सम्मान करती हैं। अल्लाह उन्हें जन्नत दे। गिलानी लंबे समय से बीमार थे और 2008 से अपने हैदरपोरा स्थित आवास पर नजरबंद थे। पिछले साल ही उन्होंने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (जी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।  वे 1972, 77 और 87 में सोपोर से विधायक भी रहे। खराब सेहत के चलते वे कई सालों से सक्रिय राजनीति से दूर थे। इनका जन्म 29 सितंबर 1929 को हुआ था।

यह भी पढ़ें-Afghanistan का असर: जम्मू-कश्मीर में हाईअलर्ट के बीच मिले बम और हथियार

पाकिस्तान समर्थक नेता थे गिलानी
गिलानी जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थक नेता था। उन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया था। उन पर पाकिस्तान से फंडिंग का आरोप भी लगा था। वे जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के मेंबर थे। इसके बाद तहरीक-ए-हुर्रियत की स्थापना की थी। इन पर आतंकवादी हाफिज सईद के साथ पैसों के लेन-देन का आरोप भी लगा था। गिलानी ने 2014 के चुनावों का बॉयकाट किया था। उस दौरान आतंकवादियों ने चुनाव में शामिल हो रहे कई नेताओं की हत्या कर दी थी। हालांकि यह अलग बता थी, उस समय 65 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, यह पिछले 25 सालों में एक रिकॉर्ड थी।

यह भी पढ़ें
कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने मांगी माफी, प्रायश्चित के लिए करेंगे गुरुद्वारे में सफाई
यह भी पढ़ें-बीजेपी विधायक जनसभा में बोले: श्री राम की मंशा थी खराब, विभिषण की वजह से रावण को हराया, मचा बवाल

 

Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की Arvind Kejriwal के खिलाफ चार्जशीट
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह