चेन्नई के इस नामी इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर छात्राओं का कर रहे थे Sexual Harassment, लड़कियों का गुस्सा फूटा तो मुसीबत में पड़े गुरुजी

कलाक्षेत्र के सहायक प्रोफेसर हरि पदमन के खिलाफ पुलिस ने छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) करने का केस दर्ज किया है। उनके खिलाफ छात्र-छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया था।

 

Vivek Kumar | Published : Apr 1, 2023 5:17 AM IST / Updated: Apr 01 2023, 10:52 AM IST

चेन्नई। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई स्थित नामी इंस्टीट्यूट कलाक्षेत्र के एक सहायक प्रोफेसर कई साल से छात्राओं का यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) कर रहे थे। शास्त्रीय कला के क्षेत्र में इस इंस्टीट्यूट का काफी नाम है।

छात्राओं ने कलाक्षेत्र प्रशासन से प्रोफेसर के बारे में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके चलते छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कैम्पस में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामला मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से संज्ञान में आया तो उन्होंने दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया। शनिवार को चेन्नई पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न संबंधी धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने यौन उत्पीड़न का शिकार हुई एक पूर्व छात्रा की शिकायत पर केस किया है।

आरोपी का नाम हरि पदमन है। शुक्रवार को करीब 200 छात्र-छात्राओं ने पदमन के खिलाफ यौन उत्पीड़न, बॉडी शेमिंग और अपशब्द कहने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने इन आरोपों को दुष्प्रचार बताते हुए खारिज कर दिया था। करीब 90 छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को पदमन के खिलाफ राज्य महिला आयोग के प्रमुख को शिकायत दी थी।

प्रोफेसर के खिलाफ लगाए गए हैं ये आरोप

छात्राओं का आरोप है कि उन्होंने कलाक्षेत्र में सालों तक यौन उत्पीड़न, बॉडी शेमिंग, अपशब्द और रंग के आधार पर भेदभाव का सामना किया है। प्रशासन से प्रोफेसर के बारे में कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गुरुवार को छात्राओं ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को पत्र लिखकर कथित निष्क्रियता के लिए निदेशक रेवती रामचंद्रन को हटाने और आंतरिक शिकायत समिति के पुनर्गठन की मांग की थी।

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गौरतलब है कि कलाक्षेत्र फाउंडेशन की स्थापना 1936 में डांसर रुक्मिणी देवी अरुंडेल ने की थी। यह राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। यहां भरतनाट्यम नृत्य, कर्नाटक संगीत और अन्य पारंपरिक कलाओं की शिक्षा दी जाती है।

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