टॉप सिख संगठन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अमृतपाल सिंह द्वारा 'सरबत खालसा' बुलाने की मांग किए जाने का जवाब दिया है। SGPC ने कहा है कि यह अकाल तख्त के जत्थेदार का विशेषाधिकार है।
चंडीगढ़। पंजाब पुलिस की गिरफ्त में आने से बचने के लिए खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) भागा फिर रहा है। उसने वीडियो मैसेज जारी कर 'सरबत खालसा' बुलाने की मांग की थी। इसपर शीर्ष सिख संगठन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने उसे करारा जवाब दिया है।
SGPC ने कहा कि 'सरबत खालसा' बुलाना अकाल तख्त के जत्थेदार (प्रमुख) का विशेषाधिकार है। इस तरह के फैसले सिख समाज से विचार-विमर्श के बाद लिए जाते हैं। अमृतपाल ने अपने दो वीडियो मैसेज में अकाल तख्त से 'सरबत खालसा' (सिख धार्मिक मण्डली) बुलाने और अमृतसर के अकाल तख्त से बठिंडा के दमदमा साहिब तक 'खालसा वाहीर' (धार्मिक जुलूस) निकालने की मांग की है। इसपर SGPC का जवाब आया है।
'सरबत खालसा' बुलाने की मांग अमृतपाल की निजी इच्छा
SGPC के जनरल सेक्रेटरी गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा, "यह अमृतपाल सिंह की निजी इच्छा है। सरबत खालसा बुलाना या नहीं बुलाना अकाल तख्त के जत्थेदार का विशेषाधिकार है। यह कोई दूसरा नहीं कर सकता। जत्थेदार सिख समाज का नेतृत्व करते हैं। वह हर फैसला गहन विचार और सिख विद्वानों व बुद्धिजीवियों की राय के बाद लेते हैं। जत्थेदार देखेंगे कि मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार क्या किया जाना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमृतपाल सिंह के करीबी कई सिखों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह गंभीर चिंता का विषय है।"
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सिख समुदाय को भड़का रहा अमृतपाल सिंह
गौरतलब है कि अमृतपाल 18 मार्च से फरार है। वह सिख समुदाय को भड़का रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में अमृतपाल ने अकाल तख्त के जत्थेदार से अनुरोध किया था कि वह बैसाखी (13 अप्रैल) के दिन पंजाब को बचाने के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सरबत खालसा को बुलाएं। अमृतपाल का एक असत्यापित ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सामने आया था। इसमें उसने कहा, "मैंने जत्थेदार से सरबत खालसा बुलाने का अनुरोध किया है। सरबत खालसा बुलाएं और साबित करें कि आप जत्थेदार हैं।"