ये पांच वजहें जो बताती हैं महाराष्ट्र में 80 साल के पवार का है 'पावर'

अजित पवार को मनाने के लिए नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की ओर से हर जोर अजमाइश जारी थी। महाराष्ट्र के सियासी घमासान में चाणक्य की भूमिका निभा रहे एनसीपी चीफ शरद पवार आखिरकार अजित पवार को मजबूर कर दिया। जिसके बाद से इस सियासी खेल में शरद पवार का एक बार फिर पावर गेम सामने आया है। 

मुंबई. महाराष्ट्र की पल-पल बदलती सियासत में एक बार फिर नया मोड़ आ गया। जब तीन दिन पहले ही डेप्युटी सीएम की शपथ लेकर देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनवाने वाले एनसीपी नेता अजित पवार ने यू-टर्न लेते हुए इस्तीफा दे दिया। अजित पवार को मनाने के लिए नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की ओर से हर जोर अजमाइश जारी थी। महाराष्ट्र के सियासी घमासान में चाणक्य की भूमिका निभा रहे एनसीपी चीफ शरद पवार आखिरकार अजित पवार को मजबूर कर दिया। जिसके बाद से इस सियासी खेल में शरद पवार का एक बार फिर पावर गेम सामने आया है। 

पार्टी से निष्काषित न करना बड़ा दांव

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अजित की नाराजगी के बाद उन्हें राजी करने में शरद पवार ने पारिवारिक दबाव के साथ ही सियासी सूझबूझ का भी परिचय दिया। पवार ने अजित को विधायक दल के नेता पद से तो हटा दिया लेकिन उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखाया। ऐसा करके शरद ने अजित के लिए दरवाजे खुले रखे। उन्होंने संकेत दिया कि अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है और अजित अगर मन बदलते हैं तो उन्हें माफ किया जा सकता है। पवार ने साथ ही कोई कड़वाहट बढ़ाने वाला कॉमेंट भी नहीं किया। बगावत करते हुए अजित के डेप्युटी सीएम बनने के बावजूद शरद ने सिर्फ इतना कहा कि यह अजित का निजी फैसला है और पार्टी से इसका कोई लेना-देना नहीं है।

विधायकों को वापस बुला कर बिगाड़ा खेल 

अजित पवार द्वारा बीजेपी के साथ आने के बाद हरकत में आए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने मोर्चा संभाला और अजित के साथ गए विधायकों को देर शाम तक अपने खेमें में बुला लिया। इससे पहले उन्होंने कहा कि यह गोवा नहीं है। हम 162 विधायक लेकर आएंगे। जिसके बाद उन्होंने देर शाम तक विधायकों को एकजुट कर अजित पवार का खेल बिगाड़ दिया। जिससे अजित पवार एक दम अकेले हो गए जिसके बाद बीजेपी की सरकार गिर गई। 

परिवार का बढ़ा दबाव 

23 नवंबर से 26 नवंबर तक महाराष्ट्र की सियासत की बदली तस्वीर में पारिवारिक दबाव अहम माना जा रहा है। दरअसल अजित पवार ने जब 23 नवंबर की सुबह शपथ ली, उसके बाद से ही पवार फैमिली के लोग अजित से बातचीत कर रहे थे। उन्हें परिवार में बिखराव से बचने और पार्टी में बने रहने के लिए मनाया जा रहा था। इस काम में पहले उनके भाई श्रीकृष्ण पवार आगे आए। इसके बाद सुप्रिया सुले के पति सदानंद भालचंद्र सुले ने अजित से संपर्क साधा। उन्होंने मुंबई के एक पांच सितारा होटल में अजित से मुलाकात की।

शरद और उनकी पत्नी ने भी मनाया 

मंगलवार को खुद शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने अजित से बातचीत की। अजित को पार्टी और परिवार का साथ देने के लिए मनाया गया। सूत्रों के मुताबिक अजित को मनाने में शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार का भी अहम योगदान रहा। प्रतिभा ने भी अजित से परिवार के साथ बने रहने को कहा। परिवार के दबाव का ही असर था कि सोमवार को फडणवीस की बैठक में अजित की कुर्सी खाली नजर आई। सूत्रों के मुताबिक शरद पवार ने अजित से कहा था कि वह माफ करने को तैयार हैं लेकिन पहले इस्तीफा देना होगा।

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