दिल्ली की एक अदालत ने एक शख्स को रेप के आरोप से बरी कर दिया है क्योंकि जबरन संबंध बनाने के वक्त पीड़िता उसकी पत्नी थी। कोर्ट ने पाया कि पीड़िता ने 2 नवंबर 2015 या इससे पहले शादी की थी। रेप 5 जुलाई 2016 को हुआ था इसलिए घटना के दिन पीड़िता उसकी पत्नी थी। जिसके कारण जज ने आरोपी को बरी कर दिया है।
नई दिल्ली. एक तरफ जहां पूरे देश में रेप के दोषियों को सजा देने की मांग की जा रही है। वहीं, दिल्ली की एक अदालत ने एक शख्स को रेप के आरोप से बरी कर दिया है क्योंकि जबरन संबंध बनाने के वक्त पीड़िता उसकी पत्नी थी। इसके साथ ही महिला ने उस शख्स पर 2 लाख रुपये चोरी का आरोप भी लगाया था।
चोर था पति, इसलिए हुई अलग
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शिकायकर्ता महिला और आरोपी शख्स पंजाब में साथ रहते थे। लेकिन जब महिला को पता चला कि उस व्यक्ति को चोरी के लिए एक मामले में दोषी करार दिया जा चुका है और वह जेल में भी जा चुका है तो वह बिना बताए दिल्ली आ गई। जिसके बाद वह शख्स भी दिल्ली आ गया और खुद को बदलने की बात कही। इसके बाद फिर दोनों साथ रहने लगे, लेकिन इसके बाद उस व्यक्ति ने महिला के ही 2 लाख रुपये चोरी कर लिए।
अपनी पत्नी के ही चुरा लिए दो लाख
2 लाख रुपये चोरी करने के बाद महिला ने उसके साथ रहने से इनकार कर दिया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन महिला का आरोप है कि बाद में वह फिर से उनके घर आने लगा और कई बार शारीरिक संबंध बनाए। कोर्ट ने पाया कि पंजाब में रहने के दौरान और फिर दिल्ली के शुरुआती कुछ दिनों तक दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे।
महिला का आरोप, जबरजस्ती बनाया संबंध
2 लाख रुपये चोरी करने के बाद महिला ने सहमति नहीं दी थी और आरोपी ने जबरन शारीरिक संबंध बनाए थे। लेकिन कोर्ट ने कहा कि जबरन शारीरिक संबंध बनाने के वक्त महिला उसकी पत्नी थी, इसलिए 'रेप का केस' नहीं बनता। दिल्ली के एडिशनल सेशन जज उमेद सिंह ग्रेवाल की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने पाया कि पीड़िता ने 2 नवंबर 2015 या इससे पहले शादी की थी। रेप 5 जुलाई 2016 को हुआ था इसलिए घटना के दिन पीड़िता उसकी पत्नी थी। जिसके कारण जज ने आरोपी को बरी कर दिया है।