शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के विधायक सुनील प्रुभु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वह बागी विधायकों पर जल्द फैसला लेने के संबंध में निर्देश दे।
नई दिल्ली। शिवसेना (यूबीटी) के विधायक सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इसमें महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द फैसला लेने का निर्देश देने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से कहा था कि वे एकनाथ शिंदे सहित 16 शिवसेना विधायकों की अयोग्यता को लेकर दायर याचिकाओं पर फैसला करें। इनपर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप था। सुनील प्रभु ने अपनी याचिका में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई के अपने फैसले में स्पीकर से लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर उचित अवधि के भीतर फैसला करने को कहा था। इस संबंध में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। स्पीकर को तीन बार संज्ञान दिया गया, लेकिन वह कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
शिवसेना में बगावत के बाद गिर गई थी उद्धव ठाकरे की सरकार
बता दें कि पिछले साल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत हुई थी। इसके चलते उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी। उद्धव ठाकरे ने महा विकास अघाड़ी नाम का गठबंधन कर सरकार बनाई थी। इस गठबंधन में शिवसेना, एनसीपी (Nationalist Congress Party) और कांग्रेस शामिल थे। बीजेपी के समर्थन से एकनाथ शिंदे ने सरकार बनाई थी और मुख्यमंत्री बने थे। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने थे।
एनसीपी में टूट के बाद सुनिल प्रभु ने दायर की याचिका
जिस प्रकार पिछले साल शिवसेना ने टूट हुई थी। वैसे ही रविवार को एनसीपी में टूट हो गई। अजीत पवार ने अपने समर्थक विधायकों के साथ बगावत किया और उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। एनसीपी (शरद पवार गुट) ने अजीत पवार और आठ अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका लगाई है। इसके बाद सुनिल प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। अब सबकी नजर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट पर है।