शिवसेना ने कहा, हमने हिंदुत्व का भगवा रंग कभी नहीं छोड़ा, घुसपैठियों को देश से बाहर करना चाहिए

शिवसेना ने एक बार हिंदुत्व को लेकर अपनी राय रखी। पार्टी के मुख्यपत्र सामना में कहा गया है कि देश में घुसे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को निकाला जाए। उन्हें निकालना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं। लेकिन इसके लिए अपना झंडा बदलना पड़े ये मजेदार है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 25, 2020 2:03 AM IST

मुंबई. शिवसेना ने एक बार हिंदुत्व को लेकर अपनी राय रखी। पार्टी के मुख्यपत्र सामना में कहा गया है कि देश में घुसे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को निकाला जाए। उन्हें निकालना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं। लेकिन इसके लिए अपना झंडा बदलना पड़े ये मजेदार है। 

दरअसल, सामना में उद्धव ठाकरे के भाई राज ठाकरे पर निशाना साधा गया है। राज ठाकरे की पार्टी ने हाल ही में अपने झंडे का रंग बदला है। साथ ही उन्होंने भारत से घुसपैठियों को बाहर करने के लिए रैली निकालने का भी फैसला किया।  

सामना में लिखा गया, दूसरी बात ये कि इसके लिए एक नहीं, दो झंडों की योजना बनाना, ये दुविधा या फिसलती गाड़ी के लक्षण हैं। राज ठाकरे ने 14 साल पहले मराठी के मुद्दे पर पार्टी की स्थापना की। लेकिन अब उनकी पार्टी हिंदुत्ववाद की ओर जाती दिख रही है। इसे रास्ता बदलना कहना ही ठीक होगा। शिवसेना ने मराठी के मुद्दे पर बहुत काम किया हुआ है। इसलिए मराठियों के बीच जाने के बावजूद उनके हाथ कुछ नहीं लगा और लगने के आसार भी नहीं हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी को जैसी चाहिए, वैसी ही ‘हिंदू बांधव, भगिनी, मातांनो…’ आवाज राज ठाकरे दे रहे हैं। 

'शिवसेना ने कभी भगवा रंग नहीं छोड़ा'
शिवसेना ने प्रखर हिंदुत्व के मुद्दे पर देशभर में जागरूकता के साथ बड़ा कार्य किया है। मुख्य बात ये है कि शिवसेना ने हिंदुत्व का भगवा रंग कभी नहीं छोड़ा। यह रंग ऐसा ही रहेगा। इसलिए दो झंडे बनाने के बावजूद राज के झंडे को वैचारिक समर्थन मिल पाएगा, इसकी संभावना नहीं दिख रही। शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई। इसे रंग बदलना वैसे कहा जा सकता है? इस बारे में लोगों को आक्षेप कम लेकिन पेट दर्द ज्यादा है। भाजपा या दूसरे लोग महबूबा या किसी और से निकाह करते हैं तो चलता है लेकिन यही राजनीतिक व्यवस्था कोई और करे तो इसे पाप साबित किया जाता है। हमने जो सरकार बनाई, ये पाप नहीं बल्कि समाजकार्य है। 

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