चुनाव चिह्न छीन जाने के खिलाफ उद्धव ठाकरे ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, पार्टी ऑफिस पर भी शिंदे का कब्जा

शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को दिए जाने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।

 

नई दिल्ली। पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न छिन जाने के खिलाफ शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दूसरी ओर सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट को एक और झटका लगा है। महाराष्ट्र विधानमंडल में स्थित शिवसेना के दफ्तर पर शिंदे गुट का कब्जा हो गया है।

चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न (धनुष और तीर) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को आवंटित कर दिया है। चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उद्धव गुट ने कोर्ट से याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को तत्काल सुनवाई नहीं हुई।

Latest Videos

चुनाव आयोग ने दिया था उद्धव ठाकरे गुट को झटका
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने उद्धव गुट से कहा है कि वह कल मामले का उल्लेख करें और इसे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का जिक्र करें। दरअसल, उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका देते हुए चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह आवंटित किया था। एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी के 55 में से 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 का समर्थन प्राप्त है।

पहली बार शिवसेना से खत्म हुआ ठाकरे परिवार का कंट्रोल
चुनाव आयोग ने ठाकरे गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और 'ज्वलंत मशाल' चुनाव चिह्न बनाए रखने की अनुमति दी है। महाराष्ट्र में चल रहे विधानसभा उपचुनावों के समापन तक पिछले साल अक्टूबर में एक अंतरिम आदेश में चुनाव आयोग ने यह नाम और चुनाव चिह्न उद्धव ठाकरे गुट को दिया था। शिवसेना की स्थापना बालासाहेब ठाकरे ने 1966 में की थी। इसके बाद पहली बार है जब पार्टी पर से ठाकरे परिवार का नियंत्रण खत्म हुआ है।

संजय राउत के खिलाफ शिकायत दर्ज
नासिक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत के खिलाफ नासिक में शिकायत दर्ज की गई है। शिव सेना में हुई टूट को लेकर संजय राउत ने एकनाथ शिंदे के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि शिवसेना को तोड़ने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए। शिवसेना महाराष्ट्र का स्वाभिमान और सम्मान है। बालासाहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र के स्वाभिमान के लिए शिवसेना का गठन किया था। अगर आप शिवसेना को तोड़कर खरीद रहे हैं तो इसका क्या मतलब है? शिवसेना खत्म नहीं होगी।

Share this article
click me!

Latest Videos

Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
कड़ाके की ठंड के बीच शिमला में बर्फबारी, झूमने को मजबूर हो गए सैलानी #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'