पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 90 साल की उम्र में निधन, जानिए उनका राजनीतिक सफर

Published : Dec 12, 2025, 09:19 AM IST
 shivraj patil ex central home minister passes away

सार

Breaking News: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल का 90 साल की उम्र में निधन। लातूर से सात बार सांसद, लोकसभा अध्यक्ष और पंजाब राज्यपाल रहे, उनका संवैधानिक योगदान अविस्मरणीय है।

लातुर (महाराष्ट्र)। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल का 90 साल की उम्र में निधन हो गया। महाराष्ट्र के लातूर में उनके होम टाउन 'देवघर' में कुछ समय की बीमारी के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से कांग्रेस और देश की राजनीति में शोक की लहर है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की बेटे बहू आज क्या करते हैं, क्या आप जानते है। नहीं जानते तो आइए आपको शिवराज पाटिल के जन्म से लेकर पढ़ाई, लिखाई, राजनीति और पारिवारिक स्थिति के बारे में बताते हैं। 

पॉलिटिकल सफर: लातूर से केंद्रीय मंच तक

शिवराज पाटिल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत लातूर म्युनिसिपल काउंसिल चीफ के रूप में की और 1970 के दशक की शुरुआत में MLA चुने गए। इसके बाद उन्होंने लातूर लोकसभा सीट से सात बार जीत हासिल की। 2004 में BJP के रूपताई पाटिल निलंगेकर से हार मिली। पाटिल ने 1991 से 1996 तक लोकसभा के 10वें स्पीकर के रूप में काम किया और 2004 से 2008 तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे। इसके अलावा वह पंजाब के राज्यपाल और 2010 से 2015 तक केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटर भी रह चुके हैं।

 

 

व्यक्तित्व और नेतृत्व: हमेशा सम्मानित सांसद

शिवराज पाटिल 12 अक्टूबर 1935 को जन्मे थे। पाटिल को उनके अच्छे व्यवहार, स्पष्ट वाणी और संवैधानिक मामलों की गहरी समझ के लिए जाना जाता था। वे मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में निपुण थे और हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करते रहे। पार्टी नेता बताते हैं कि उन्होंने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में कभी भी पर्सनल अटैक नहीं किए।

परिवार और निजी जीवन

शिवराज पाटिल के परिवार में उनके बेटे शैलेश पाटिल, बहू अर्चना (BJP नेता) और दो पोतियां शामिल हैं। पार्टी नेता उनके अच्छे व्यवहार और शांत स्वभाव के लिए उन्हें हमेशा याद करते हैं। पाटिल कभी भी व्यक्तिगत हमला नहीं करते थे और अपने भाषणों व बातचीत में हमेशा संयम रखते थे। उनके निधन के बाद परिवार और राजनीतिक समुदाय में शोक की लहर है।

शिक्षा और नेतृत्व क्षमता

पाटिल अपनी पढ़ाई और संवैधानिक मामलों की गहरी समझ के लिए जाने जाते थे। वे मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में निपुण थे और उनका स्पष्ट और प्रभावशाली प्रेजेंटेशन उन्हें संसदीय और राजनीतिक जगत में सम्मान दिलाता था। उनके नेतृत्व और संवैधानिक ज्ञान ने उन्हें देशभर में एक प्रतिष्ठित और सम्मानित नेता बनाया।

संवैधानिक योगदान और देश के प्रति निष्ठा

शिवराज पाटिल ने कांग्रेस पार्टी के प्रति अटूट निष्ठा दिखाई और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए हमेशा काम किया। उन्होंने जनता की चिंताओं को प्राथमिकता दी और समाज के सभी वर्गों की उन्नति के लिए अपने सार्वजनिक जीवन में निरंतर प्रयास किए। पाटिल ने अपने राजनीतिक जीवन में कई प्रतिष्ठित पदों पर रहकर देश की संवैधानिक प्रक्रिया को मजबूत किया। उनका योगदान केवल राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि समाज के सभी वर्गों की उन्नति और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में भी उन्हें गहरा विश्वास था।

अंतिम श्रद्धांजलि और यादें

कांग्रेस और अन्य राजनीतिक नेता उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। उनका सरल व्यवहार, संवैधानिक मामलों में गहरी पकड़ और देश के प्रति अटूट निष्ठा उन्हें हमेशा यादगार बनाएगी। देश ने एक ऐसे नेता को खोया, जिसने लंबे समय तक सार्वजनिक जीवन में लोगों की चिंताओं को प्राथमिकता दी और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में योगदान दिया।

 

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