26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड 5 मिलियन डॉलर के इनामी जिस आतंकवादी को मरा माना गया, वो जिंदा निकला

वर्ष, 2008 में मुंबई में हुए 26/11 बम धमाके(2008 Mumbai terror attack) के जिस मास्टर माइंड कुख्यात आतंकवादी साजिद मीर (Sajid Mir) को पाकिस्तान ने मरा हुआ घोषित कर रखा था, वो जिंदा निकला है। पाकिस्तानी पुलिस ने खुद उसे अरेस्ट किया है। माना जा रहा है कि FBI के मोस्ट वांटेड इस आतंकवादी को इसलिए पकड़ना पड़ा, क्योंकि पाकिस्तान FATF की ग्रे सूची से खुद को निकलवाना चाहता है।
 

नई दिल्ली. वर्ष, 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले(26/11, 2008 Mumbai terror attack) के मास्टर माइंड के जिंदा होने की खबर है। पहले इसे मरा हुआ माना गया था। इस कुख्यात आतंकवादी साजिद मीर (Sajid Mir) को पाकिस्तान की पुलिस ने हिरासत में लिया है। जबकि पहले खुद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (Pakistani Intelligence Agency) आईएसआई (ISI) ने इसकी मौत का दावा किया था। साजिद मीर फेडरल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) की मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची(FBI's list of most-wanted terrorists) में है। इसके सिर पर $ 5 मिलियन का इनाम रखा गया है। अमेरिका और भारत दोनों इस आतंकवादी को पकड़ने लगातार प्रयासरत रहे हैं। बता दें कि मुंबई में हुए इस आतंकी हमले में 6 अमेरिकियों सहित विभिन्न देशों के 170 लोग मारे गए थे। 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई ठिकानों पर हमले किए थे।

माना जा रहा है कि FBI के मोस्ट वांटेड इस आतंकवादी को इसलिए पकड़ना पड़ा, क्योंकि पाकिस्तान फाइनेंसियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) की ग्रे सूची से खुद को निकलवाना चाहते है। बता दें कि FATF, जिसे इसके फ्रांसीसी नाम, ग्रुप डी'एक्शन फाइनेंसियर के नाम से भी जाना जाता है, एक अंतर सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1989 में G7 की पहल पर मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए नीतियों को विकसित करने के लिए की गई थी। 2001 में आतंकवाद के वित्तपोषण(terrorism financing) को शामिल करने के लिए इसके जनादेश का विस्तार किया गया था। यानी जो देश आतंकवादियों को आर्थिक या अन्य किसी तरह की मदद करेगा, उसे कर्ज या फाइनेंसियल हेल्प आदि नहीं मिलेगी। पाकिस्तान इस समय बेहद खराब आर्थिक हालात से गुजर रहा है। 

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लश्कर सरगना हाफिज सईद का खास है साजिद
साजिद मीर को लश्कर सरगना हाफिज सईद का बेहद करीबी कहा जाता है। यह मुंबई हमले की योजना बनाने वाले डेविड कोलमैन हेडली और अन्य आतंकवादियों का हैंडलर माना जाता रहा है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने साजिद को इसलिए अरेस्ट किया है, ताकि दुनिया की नजरों में यह साबित कर सके कि वो आतंकवाद के खिलाफ सख्त एक्शन ले रहा है। पाकिस्तान जून 2018 से FATF की ग्रे सूची में होने से आर्थिक सहायता और कर्ज से वंचित है। हाल में जर्मनी में हुई बैठक में FATF ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी कि वो पाकिस्तान की इस दिशा में की जा रही  कोशिशों का जमीनीस्तर पर आकलन करने के बाद ही उसे ग्रे सूची से बाहर करने का फैसला करेगी। अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के अनुसार मीर 2001 से एक्टिव रहा है। वो लश्कर के साथ मिलकर कई आतंकवादी हमलों की योजनाओं में शामिल रहा है। 

रूप बदलता रहता था
FBI ने अपनी वेबसाइट पर साजिद मीर को लेकर जो डिटेल्स पोस्ट कर रखी है, उसमें कहा गया कि मीर ने एक बार दाढ़ी और बालों को कंधों तक नीचे कर लिया था। FBI का मानना था कि संभव है कि साजिद मीर ने प्लास्टिक सर्जरी के जरिए अपना रूप बदल लिया हो। हालांकि यह पहले से माना जाता रहा कि यह पाकिस्तान में रहता था। साजिद मीर के नेतृत्व में ही मुंबई में लगातार तीन दिनों तक हमले हुए थे। मीर ने कथित तौर पर हमलों के मास्टर माइंड के रूप में काम किया। इन हमलों के दौरान वो पाकिस्तान बेस्ट कंट्रोलर से कनेक्ट था। इसके अलावा साजिद मीर ने कथित तौर पर 2008 और 2009 के बीच डेनमार्क में एक न्यूज पेपर और उसके कर्मचारियों के खिलाफ आतंकवादी हमले की साजिश भी रची थी। साजिद मीर को 21 अप्रैल, 2011 को यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, इलिनोइस में आरोपी ठहराया था। स पर विदेशी सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की साजिश का आरोप लगाया गया था। जैसे-आतंकवादियों को सामग्री सहायता प्रदान करना; यूएस. के बाहर एक नागरिक को मारना और सहायता करना और उकसाना और पब्लिक प्लेस पर बमबारी। उसके खिलाफ 22 अप्रैल 2011 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।

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