अब बच्चों की किताबों में होगी शुभांशु शुक्ला की ये बात, NCERT ने कोर्स में किया शामिल

Published : Jul 23, 2025, 12:53 PM ISTUpdated : Jul 23, 2025, 01:50 PM IST
शुभांशु शुक्ला ने पृथ्वी को लेकर दिया था खास संदेश

सार

Shubhanshu Shukla Message: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले शुभांशु शुक्ला का संदेश अब बच्चों की किताब में पढ़ाया जाएगा। एनसीईआरटी की कक्षा 5 की नई पर्यावरण अध्ययन की किताब में भी इस बात को शामिल किया गया है। 

DID YOU KNOW ?
शुभांशु शुक्ला का निक नेम
शुभांशु शुक्ला को देश सेवा की प्रेरणा 1999 कारगिल युद्ध से मिली। परिवार इन्हें Shux नाम से भी बुलाता है। पत्नी कामना शुक्ला एक डेंटिस्ट हैं।

Shubhanshu Shukla Message: भारतीय वायु सेना के टेस्ट पायलट और इसरो के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में देश का नाम रोशन किया है। शुभांशु 25 जून 2025 को एक्सिओम मिशन-4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे।

शुभांशु शुक्ला ने पृथ्वी को लेकर दिया था खास संदेश

ISS पर जाने वाले शुभांशु शुक्ला ने पृथ्वी को लेकर खास संदेश दिया था जो अब बच्चों की किताब में पढ़ाया जाएगा। एनसीईआरटी की कक्षा 5 की नई पर्यावरण अध्ययन की किताब में उनके ये विचार शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान शुभांशु ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखा, तो उन्हें यह एकजुट और सुंदर लगी।

धरती पर नहीं दिखती कोई सीमा

उन्होंने कहा था, “बाहर से देखने पर धरती पर कोई सीमा नहीं दिखती, न कोई राज्य और ना ही कोई देश। ऐसा लगता है कि हम सभी एक ही परिवार के हैं और धरती हमारा एक घर है।”

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स्कूल की किताबों में किया गया शामिल

शुभांशु का यह अनुभव अब स्कूल की किताबों में भी पढ़ाया जाएगा, जिससे बच्चों को इंसानियत और एकता का महत्व समझाया जा सके। शुभांशु शुक्ला 18 दिन का अंतरिक्ष मिशन पूरा करने के बाद 15 जुलाई को सुरक्षित वापस लौट आए थे। इस मिशन के साथ ISS में जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। इससे पहले भारतीय वायुसेना के राकेश शर्मा ने 1984 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी। शुभांशु अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं।

 

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