केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि देश में विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने वाले ‘मेक-इन-इंडिया’ कार्यक्रम का बीज सबसे पहले श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने डाला था। मुखर्जी देश के पहले उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री थे
पणजी. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि देश में विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने वाले ‘मेक-इन-इंडिया’ कार्यक्रम का बीज सबसे पहले श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने डाला था। मुखर्जी देश के पहले उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री थे और बाद में उन्होंने भारतीय जन संघ पार्टी की स्थापना की। मेक इन इंडिया आज मोदी सरकार का एक बड़ा अभियान है।
वायब्रैंट गोवा एक्सपो एंड समिट
गोयल यहां औद्योगिक सम्मेलन एवं प्रदर्शनी -वायब्रैंट गोवा एक्सपो एंड समिट’ को संबोधित कर रहे थे जिसमें 54 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान के बीज 1948 की औद्योगिक नीति के मसौदे में ही बो दिए गए थे। यह मसौदा मुखर्जी ने तैयार किया था।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को आगे बढ़ा रहे
गोयल ने कहा, ‘कुछ मायने में आप डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने ही 1948 में भारत की पहली औद्योगिक नीति का निर्माण किया था और उससे ही (देश में) मेक इन इंडिया अभियान के बीज पड़े।’ उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने उस समय भी भारत के औद्योगीकरण में विदेशी पूंजी के महत्व को समझाया था। उन्होंने ‘विदेशी निवेश और घरेलू निवेश के बीच गठबंधन तथा भागीदारी’ की बात की थी। उनका कहना था कि ऐसी भागीदारी की लगाम भारतीय हाथों में होनी चाहिए।
'गोवा एक मजबूत प्रदेश के रूप में विकसित हो'
उन्होंने कहा, ‘समय के साथ व्यावसायिक प्रतिमानों का काफी विकास हो चुका है। आज हम ऐसी जगह पहुंच गए हैं जहां कारोबार के कई क्षेत्र को विदेशी कंपनियों के लिए करीब करीब पूरी तरह से खोल दिया गया है।’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि गोवा एक मजबूत प्रदेश के रूप में विकसित हो। गोयल ने निवेशकों से कहा कि गोवा निवेश के लिए एक आदर्श जगह है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को भी याद किया और कहा कि पर्रिकर सरकार ने विमान ईंधन पर वैट की दर कम कर उसे सस्ता किया। उससे गोवा के लिए एयरलाइनों की उड़ानों में तेजी से विस्तार हुआ तथा पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई।